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ग्रामीण गरीबों के लिए मकान बनाने की रफ्तार हुई तेज

वर्ष 2022 तक सबको मकान देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में इससे मदद मिलेगी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 09:28 PM (IST)
ग्रामीण गरीबों के लिए मकान बनाने की रफ्तार हुई तेज
ग्रामीण गरीबों के लिए मकान बनाने की रफ्तार हुई तेज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण गरीबों को समय से आवास मुहैया कराने के लिए मकान निर्माण बनाने की रफ्तार तेज कर दी गई है। आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस एजेंसियों को इस काम में लगा दिया गया है। गरीबों के लिए बनाए जा रहे मकान के निर्माण में लगने वाले वक्त से आधा समय लगाया जा रहा है। इसे लेकर मकानों के निर्माण की गति दोगुनी हो गई है।

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वर्ष 2022 तक 'सबको मकान' देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में इससे मदद मिलेगी। पहले जहां ऐसा एक मकान तैयार होने में 314 दिन का समय लगता था, वहीं अब इसमें मात्र 114 दिन लगता है। इसका खुलासा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी के जारी आंकड़े में किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी आवास निर्माण करने वाली एजेंसियों से इसकी रफ्तार को तेज करने का निर्देश दिया था।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार सालों में एक करोड़ से ज्यादा ग्रामीण आवासों का निर्माण कर दिया गया है। ग्रामीण आवासीय योजना में पर्याप्त संशोधन कर इसको ज्यादा कारगर बनाया गया है। वर्ष 2022 तक कुल 2.95 करोड़ मकानों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके पहले चरण में मार्च 2019 तक कुल एक करोड़ पक्का मकान बनाना था, लेकिन यह पहले ही पूरा हो चुका है। इसमें पीएमएवाई के मकानों के साथ इंदिरा आवास योजना के मकान भी शामिल हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी के अध्ययन के मुताबिक आवासों के निर्माण की गति बढ़ाने पर सरकार ने फोकस किया। इसके चलते साल दर साल गरीबों के आवास बनाने की रफ्तार तेज हुई, जिससे समय से पहले लक्ष्य के पूरा होने की संभावना बढ़ गई है।


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