देशभर में बाढ़ का सितम जारी, असम में अबतक 28 की मौत, करीब 58 लाख लोग प्रभावित
देशभर में बाढ़ से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। खासकर उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में स्थितियां काबू से बाहर होती जा रही हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। देशभर में बाढ़ से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। खासकर उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में स्थितियां काबू से बाहर होती जा रही हैं। पूर्वोत्तर भारत की नदियों के जलस्तर में जारी उफान के बीच 7 जुलाई तक बाढ़ के कारण 29 जिलों के 4626 गांवों में लगभग 57, 51,938 लोग प्रभावित हुए हैं। पूरे राज्य में 427 संख्या में राहत शिविर संचालित हैं। बाढ़ के कारण कुल 28 लोगों की जान चली गई है।डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं और 472 राहत शिविरों तथा 392 राहत वितरण केंद्रों में शरण लेने को मजबूर हैं।
देशभर में बाढ़ के जारी सितम पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया है, उन्होंने कहा है, 'असम, बिहार, यूपी, त्रिपुरा और मिजोरम में बाढ़ से तबाह हो रहे हमारे भाइयों और बहनों के साथ मेरी हृदय से जुड़ी भावनाएं हैं।'
My heartfelt solidarity with our brothers and sisters in Assam, Bihar, UP, Tripura and Mizoram who are being devastated by floods. #AssamFloods
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 18, 2019
58 लाख लोग प्रभावित
असम के धुबरी जिला कारागार में पानी घुसने के बाद वहां के सभी 409 कैदियों को महिला महाविद्यालय में रखा गया है। बड़ी संख्या में लोग ग्वालपाड़ा व जोगीघोपा स्थित रेलवे तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। इसके कारण रेलवे ने इस मार्ग पर ट्रेनों की गति निर्धारित कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि 58 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ में फंस गए हैं। बुधवार को असम में ब्रह्मपुत्र व उसकी सहायक नदियों जलस्तर का कम से कम 10 स्थानों पर खतरे की निशान से ऊपर रहा। असम के लखीमपुर जिले के एक राहत शिविर में महिला ने बताया कि वे लोग पिछले सात दिनों से केवल चावल खाकर जिंदा हैं। गंदा पानी पीना पड़ रहा है।
राहत और बचाव कार्य जारी
एनडीआरएफ के प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित विभिन्न राज्यों के 11 हजार से ज्यादा लोगों को बचाने में उनकी टीम कामयाब रही है। इनमें ज्यादातर लोग असम व बिहार के हैं। राहत व बचाव कार्य में 100 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक बयान में बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों को 75.95 करोड़ रुपये अग्रिम तौर पर जारी कर दिए गए हैं। उपायुक्तों को सभी आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने करीमगंज जिले का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उधर, त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है। बुधवार को खोवाई और हाओरा नदियों का जलस्तर घटा है। राहत शिविरों में शरण लेने वाले लोग वापस लौटने लगे हैं।
बिहार में बाढ़े से तबाही
बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 46 लाख 83 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से बुधवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों शिवहर, सीतामढी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में अब तक 67 लोगों की मौत हुई है जबकि 46 लाख 83 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है।
NDRF की 19 टीमें भेजने के निर्देश
बिहार में सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, बेतिया में कई तटबंध टूटने से पानी कई नए इलाकों में घुस गया है। कटिहार में महानंदा उफान पर है। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्य में एनडीआरएफ की 19 टीमें भेजने का निर्देश दिया है। बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस संबंध में अधिकारियों से बात की है और जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। बिहार में बाढ़ से करीब 25 लाख लोग प्रभावित हैं। सीतामढ़ी जिले में बागमती, लखनदेई, लाल बकेया और अधवारा समूह की नदियों का कहर जारी है। लोग हाईवे, प्रमुख सड़क, स्कूल और रेलवे पटरी पर तंबू लगा कर रह रहे हैं।