बाढ़ से बेकाबू हो रहे हालात, कई जगहों पर बचाव में जुटी सेना, पीएम ने जताई चिंता
बाढ़ से कई राज्यों में लगातार स्थिति भयावह होती जा रही है। कई जगहों पर राहत के लिए सेना को बुलाया गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के करीब चार राज्यों में आई बाढ़ से हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं। कई जगहों पर सेना को मदद के लिए बुलाया गया है। वहीं स्थानीय प्रशासन भी लोगों को मदद करने में जुटा है। बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश बांढ़ से काफी प्रभावित हुए हैं। यहां पर लगातार सरकार प्रशासन से मिलकर लोगों की मदद कर रही है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम भी लोगों की दिन-रात मदद कर रही हैं।
गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ आने से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में हालात नाजुक हो चुके हैं। लगातार भारी बारिश से राजस्थान के कई क्षेत्र पानी में डूब गए हैं। एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव में दिन-रात लगी हुई हैं। राष्ट्रीय आपदा राहत बल की कुल 56 टीमें पांच राज्यों में लगाई गई हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार में राहत अभियान की निगरानी उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमों ने अब तक पांच राज्यों में कुल 26 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित बचाया है।
बाढ़ के हालात पर प्रधानमंत्री ने जताई चिंता
देश के कई राज्यों में भीषण बाढ़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने बाढ़ग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर हालात की जानकारी ली और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। दूसरी तरफ, गृहमंत्री राजनाथ सिंह बाढ़ के हालात की नजदीक से निगरानी कर रहे हैं। राजनाथ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से विस्तार से बातचीत कर राहत और बचाव कार्यो का ब्योरा लिया। गृह मंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से राज्य के हालात के बारे में पूछा।
उफान पर हैं गंगा समेत सात नदियां
गंगा सहित करीब सात नदियों के उफान से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में जनजीवन थम सा गया है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में बस्तियों के जलमग्न होने से लाखों लोग प्रभावित हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी और इलाहाबाद में 15 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। कई राजमार्गो के बाधित होने से आवागमन ठप हैं। जगह-जगह तटबंधों के टूटने से स्थिति और भयावह होती जा रही है। पटना में गंगा का जलस्तर कम हो रहा। गांधी घाट और दीघा घाट पर पानी घट रहा है। वैशाली में बाढ़ विकराल बनी हुई है। राघोपुर में बीस पंचायतें जलमग्न हैं। सोनपुर की भी अधिकांश पंचायतें बाढ़ की चपेट में है।
समस्तीपुर में गंगा का रिकॉर्ड जलस्तर
समस्तीपुर में गंगा का जलस्तर रिकार्ड पर पहुंच गया है। खतरे के निशान से यहां पानी करीब तीन मीटर ऊपर बह रहा है। शाहपुर पटोरी, मोहनपुर, मोहिउद्दीननगर व विद्यापतिनगर प्रखंडों की स्थिति भयावह है। यहां के 79 गांवों के 2.74 लाख लोग प्रभावित हैं। जगह-जगह टूट रहे तटबंधभागलपुर में गंगा अभी भी रौद्र रूप में है। मुंगेर, लखीसराय, कटिहार व खगडि़या की स्थिति भी भयावह है। जगह-जगह तटबंध टूट रहे हैं। किनारे के गांवों में दहशत है। रविवार को परबत्ता स्थित तेमथा-करारी बांध टूट गया। दर्जनों गांव चपेट में आ गए।
तटबंध टूटने से जलमग्न हुए कई गांव
लगार-चकप्रयाग जमींदारी बांध भी टूट कर बह गया। सोमवार को लगार-चकप्रयाग बांध के टूटने से आधे दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मुंगेर शहर समेत बरियारपुर, धरहरा, जमालपुर, हवेली खड़गपुर, असरगंज प्रखंडों की बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट में है।
डूबने से बचे विधायक
आरा में बाढ़ प्रभावित शाहपुर प्रखंड में राहत व बचाव कार्य का जायजा लेकर सोमवार की शाम लौट रहे शाहपुर विधायक राहुल तिवारी व अनुमंडल पदाधिकारी बाल मुकुंद प्रसाद समेत आधा दर्जन अधिकारी डूबने से बाल-बाल बच गए। तेज हवा के साथ उठ रही बाढ़ की लहरों के बीच मोटरबोट पलट गई। सभी डूबने लगे। साथ चल रही एसडीआरएफ की टीम ने सभी को बचा लिया।
वाराणसी में सहायक नदियों का भी कहर
वाराणसी में गंगा का जलस्तर सोमवार को भी एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा के हिसाब से चढ़ाव पर था। यहां गंगा अब खतरे के निशान से भी 107 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। गंगा व उसकी सहायक नदियों गोमती, वरुणा, असि व नाद की बाढ़ ने कई नए गांव-मुहल्लों को अपनी चपेट में ले लिया है। यहां अब तक करीब सात लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। स्कूल-कालेज 25 अगस्त तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। गाजीपुर में प्रशासन ने तटवर्ती गांवों को खाली करने का निर्देश दिया है। मीरजापुर में खतरे के निशान से एक मीटर से ऊपर गंगा बह रही हैं। इलाहाबाद-मीरजापुर मार्ग पर आवागमन ठप है।
इलाहाबाद में सात लाख लोग प्रभावित
इलाहाबाद में करीब सात लाख से अधिक लोग संकट में हैं। शहर में ही करीब एक चौथाई आबादी बाढ़ के पानी की चपेट में है। 192 गांवों में भी आपदा है। जिलाधिकारी संजय कुमार ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर से यमुनापार में बाढ़ के पानी से घिरे देवरा, लोनिपार इटवा तथा सतपुरा में राहत सामग्री बंटवाई। शहर में सलोरी, नई झूंसी, कोहना, गौसनगर , दारागंज व छोटा बघाड़ा के उन क्षेत्रों में भी पानी घुस गया है जो कुछ ऊंचाई पर हैं।
बांदा-कानपुर मार्ग बंद
यमुना में आई बाढ़ से बांदा से कानपुर जाने वाला मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। वाहनों को ¨तदवारी से फतेहपुर होकर निकाला जा रहा है। हाईवे पर दोनों ओर से सैकड़ों वाहनों की कतार लगी है। जिला प्रशासन के बुलावे पर सेना तो नहीं आई लेकिन एनडीआरएफ की 37 सदस्यीय टीम पहुंच गई है।
तस्वीरें: भारी बारिश और बाढ़ से तबाही का मंजर जारी, हजारों घर बेघर
सड़कों पर जमा पानी, आवागमन ठप
गंगा का पानी अब सड़कों पर फैलने लगा है। छपरा-पटना मुख्यमार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप है। संपर्क पथों पर भी तीन से पांच फीट तक पानी बह रहा है। सारण में डोरीगंज से लेकर सोनपुर तक व छपरा से लेकर मांझी तक एनएच पर पानी बह रहा है। सिंगहीं के पास एनएच पर बनी पुलिया धंस गई है, जबकि कई जगहों पर सड़क दो हिस्सों में कट गई है। समस्तीपुर में नवादा-सिवै¨सगपुर पथ क्षतिग्रस्त हो गया है। भागलपुर-कहलगांव मार्ग पर भी आवागमन पूरी तरह ठप है। सुल्तानगंज मार्ग पर पानी एनएच को छूने लगा है।
भारी वाहनों का आवागमन बंद
मुंगेर में एनएच 80 पर कई जगहों पर पानी चढ़ गया है। उत्तर प्रदेश के बलिया में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर गंगा का पानी आ जाने से बलिया-मांझी के बीच भारी वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिर जाने से बलिया-छपरा रेलखंड पर एक घंटे तक यातायात बाधित रहा। वाराणसी में ट्रैक धंसने से रेल यातायात बाधित हो गया।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं नदियां
गंगा, सोन, पुनपुन, सरयू, यमुना, केन और शारदा
सर्वाधिक प्रभावित जिले
बिहार में पटना, वैशाली, बक्सर, भोजपुर, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगडि़या, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार। उत्तर प्रदेश में वाराणसी, इलाहाबाद, मीरजापुर, गाजीपुर, बलिया।