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कानून की जद में आई ये 'यांत्रिक चिड़‍िया', इसके कारनामे पढ़कर आप भी रह जाएंगे दंग

गूगल और अमेजन ने ड्रोन के माध्‍यम से सामान की होम डिलवरी करने की तैयारी की है। पिछले साल अमेजन ने भारत में ड्रोन की तैनाती के लिए पेटेंट भी फाइल किया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 12:40 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 02:19 PM (IST)
कानून की जद में आई ये 'यांत्रिक चिड़‍िया', इसके कारनामे पढ़कर आप भी रह जाएंगे दंग

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। भारत में कुछ दिन पहले तक जो ड्रोन 'यांत्रिक चिड़‍िया' फ‍िल्मों में शॉट या शादी समारोह में अलग अलग कोणों से तस्वीर लेने के उपयोग तक सीमित थे, अब वही ड्रोन रोजगार का बड़ा जरिया बनकर उभरे हैं, बल्कि वह आपदा, निगरानी, सैन्य, कानून व्यवस्था और कृषि क्षेत्र में देश के लिए खास मददगार साबित हो रहे हैं। विदेश में इन ड्रोन के जरिए कई सैन्य अभियानों को सफल अंजाम दिया गया। हालांकि, ड्रोन को लेकर भारत में कोई खास नियम नहीं थे, दुनियाभर में इसके व्यापक इस्तेमाल को देखते हुए भारत में पहली बार ड्रोन्स को लेकर नए नियम जारी किए जाएंगे। यह एक दिसंबर से प्रभावी होगा। ड्रोन के मामले में खास यह है कि पूरा सिस्टम डिजिटल होगा। सरकार की ये नई नियमावली बेहद अहम मानी जा रही है। आखिर यह क्यों महत्वपूर्ण है। कब से यह नियम लागू होंगे। किन-किन क्षेत्रों में इससे लाभ मिलेगा।

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भारत में ड्रोन उड़ाने के लिए कई तरह की सावधानी बरतनी पड़ती है। जल्द ही देश में ड्रोन उड़ाने के लिए कानूनी मंजूरी मिलेगी। नागर विमानन मंत्रालय ने एक गाइडलाइन तैयार कर ली है। इसके लिए पायलट और ड्रोन का रजिस्ट्रेशन नागर विमानन मंत्रालय में कराना जरूरी होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के ड्रोन की उड़ान अवैध मानी जाएगी।

ड्रोन उपयोगिता का बढ़ता दायरा

1- प्राकृतिक आपादा के लिए हैं खास
अप्रैल, 2015 में नेपाल में आए विनाभकारी भूकंप से पूरी दुनिया हिल गई थी। लेकिन इस भूकंप की भयावहता असल में जिन तस्वीरों के जरिए दुनिया तक पहुंची वो ड्राेन से ली गई थीं। उस वक्त आपदा काल में ड्रोन की उपयोगिता सामने आई। भारत में प्राकृति आपदाएं हर साल लाखों लोगों की जान लेती हैं। भूकंप के जरिए से संवेदनशील पहाड़ी इलाके हो या सुदूर  मैदानी इलाके हों, आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य के लिए ड्रोन बेहतर साबित हो सकते हैं। कई मौके पर ड्रोन के इस्‍तेमाल से राहत एजेंसियों को काफी मदद भी मिली है। केरल में आई हाल ही में विनाशकारी बाढ़ काे जानने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया और तब जाकर इसकी असल भयावहता का अंदाजा लगाया जा सका।

2- खेती में क्रांतिकारी इस्तेमाल
इन सबके अलावा ड्रोन का सबसे बड़ा क्रांतिकारी इस्‍तेमाल कृषि कार्य में हो रहा है। दुनिया के कई देशों में किसान ड्रोन के जरिए फसलों की निगरानी से लेकर दवा का छिड़काव कर रहे है। भारत के कई इलाकों में ड्रोन से खेती फायदेमंद साबित हो रही है।

3- कानून व्‍यवस्‍था और ट्रैफ‍िक मैनेजमेंट के लिए उपयोगी है ड्रोन
ड्रोन का एक बड़ा इस्‍तेमाल कानून व्‍यवस्‍था काे दुरुस्‍त रखने के लिए भी हो रहा है। इसके लिए ड्रोन एक बेहद उपयोग यंत्र साबित हो रहे हैं। मसलन, सहारनपुर में संप्रादयिक हिंसा के दौरान उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने इन दंगाईयों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्‍तेमाल किया था। इससे पुलिस को हालात पर निगरानी के लिए काफी मदद मिली थी। हैदराबाद पुलिस भी शहर में महिला सुरक्षा के लिए ड्रोन के इस्‍तेमाल की तैयारी कर रही है। हैदराबाद पुलिस ने असमाजिक तत्‍वों पर नजर रखने के लिए इसका उपयोग किया है।

तेलंगाना के करीम नगर में नदियों एवं तालाबों के अासपास खुले में शौच करने वालों पर कड़ी नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। यानी स्‍वच्‍छ भारत अभियान में भी इसका इस्‍तेमाल हो रहा है। यातायात नियंत्रण के लिए भी ड्रोन वरदान साबित हो रहे है। उसके माध्‍यम से एक जगह बैठकर ही ट्रैफिक पुलिस सारे इलाके की निगरानी कर सकती है। मैपिंग के लिए भी व्‍यापक इस्‍तेमाल हो रहा है।

4- रेल की सुरक्षा और क्षमता में बेहद उपयोगी हैं ड्रोन
भारतीय रेल की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने के लिए रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग, ट्रेक मेंटेनेंस की चेकिंग और निगरानी के लिए रेलवे ने बड़े पैमाने पर ड्रोन के प्रयोग का फैसला किया है। इसके साथ ही राहत एवं बचाव अभियान की गतिविधियों एवं निगरानी तथा कार्यों की प्रगति के लिए रेलवे द्वारा ड्रोन तैनात किए जाएंगे। रेलवे जल्‍द ही अपने सभी डीविजन और जोन में ड्रोन कैमरों का इस्‍तेमाल करने जा रहा है। रेलवे ने अपने जबलपुर हेडक्‍वाटर में सबसे पहले ड्रोन कैमरों का इस्‍तेमाल शुरू किया है। भोपाल और कोटा में इसका ट्रायल किया गया है।

5- ड्रोन के जरिए होम डिलिवरी करने की तैयारी में अमेजन
हाल ही में गूगल और अमेजन ने ड्रोन के माध्‍यम से सामान की होम डिलवरी करने की तैयारी की है। पिछले साल अमेजन ने भारत में ड्रोन की तैनाती के लिए पेटेंट भी फाइल किया है। कपंनी की योजना ड्रोन के जरिए घर-घर सामान पहुंचाने की है। हालांकि, नई ड्रोन नीति के मुताबिक अभी इन कं‍पनियों को ड्रोन के जरिए होम डिलवरी में थोड़ा और इंतजार करना होगा।

6- सैन्‍य अभियानों में बेहद कारगर, नाटो ने किया उपयोग
दुनिया में जैसे-जैसे साइबर वार या स्‍पेसवार की आंशका बढ़ती जा रही है। वैसे-वैसे हाइटैक ड्रोन की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। सीमा पार से आने वाली चुनौतियों को देखते हुए भारतीय सेना में भी ड्रोन की जरूरत महसूस की जा रही है। अमेरिकी सेना के इन  ड्रोन ने पाकिस्‍तान के सीमांत कबायली इलाके में तालिबान लड़ाकों की खोज में अहम भूमिका निभाई। अफगानिस्तान में तालिबान को उखाड़ फेंकने में ये ड्रोन बेहद कारगर साबित हुए हैं।

दुर्गम पहाड़ी या कबायली इलाकों में जहां किसी अनजान आदमी का पहुंचना बेहद कठिन होता है, वहां बंकरों में छिपे आतंकियों का पता लगाने और उन्‍हें खत्‍म करने में इन ड्रोन ने नाटो सैनिकों की काफी मदद की। तभी से सैन्‍य अभियानों में ड्रोन का सामरिक महत्‍व का पता लगा। इसके महत्‍व का अंदाजा इस बात से लगाया सकता है कि पाकिस्‍तान ने इन अमेरिकी ड्रोन को अपनी संप्रभुता के लिए खतरा बताया है। सीमा के पार इस प्रकार की चुनौतियों का सामना कुछ भारत भी कर रहा है। देश की सेना को चार सौ ड्रोन की जरूरत पड़ेगी। मौजूदा समय में सेना के पास करीब 200 ड्रोन हैं ।

ड्रोन की पांच कैटेगरी

1- नैनो : 250 ग्राम से कम वजन का

2- माइक्रो : 250 ग्राम से ज्‍यादा और दाे किलो से कम के

3- मिनी : दो किलो से 25 किलो तक 

4- स्‍माल :  25 किलो से 150 किलो तक

5- लार्ज केटगरी : 150 किलोे से ज्‍यादा

एयर स्‍पेस को तीन जोन

1- रेड जोन - इसमें उड़ान की अुनमति नहीं होगी

2- यलो जोन- नियंत्रित वायु क्षेत्र वाले

3- ग्रीन जोन : ऑटो परमिशन के लिए क्षेत्र

ड्रोन संचालन के लिए मोबाइल एप के जरिए अनुमति लेनी होगी। इसक स्‍वचालित तरीके से जानकारी मिल जाएगी। डि‍जिटल उड़ान की अनुमति के बिना उड़ान भरने वाले कोई भी ड्रोन टेक ऑफ नहीं कर सकेगा। डिजीटल स्‍काई जिला पुलिस मुख्‍यालय से जोड़ा जाएगा। खास बात यह है किसी भी अनुमति के लिए डिजिटल प्रावधान होंगे। सेंट्रेल इंटेलीजेंस एजेंसी के ड्रेानों को छोड़कर सभी को रजिस्‍टर कराना होगा। इसके तहत ड्रोने को यूनीक आइडेंटीफीकेशन नंबर मिलेगा। सभी असैन्‍य ड्रोन परिचालन को केवल दिन के लिए सीमित किया जाएगा। उड़ान वहीं तक सीमित रहेगा जहां दृष्यता बेहतर होगी।

यहां नहीं उड़ा सकेंगे ड्रोन

नए नियमन के तहत इन क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं होगी।

- सचिवालय परिसर 

- हवाई अड्डों पर 

- अंतरराष्‍ट्रीय सीमा रेखा

- समुद्री तट रेखा

- सामरिक ठिकानों

- अहम सैन्‍य प्रतिष्‍ठानों

- राजधानी में विजय चौक के आसपास

लाइसेंस लेने के नियम

- इसके लिए कम से कम आपकी उम्र 18 साल होनी चाहिए

- लाइसेंस लेने वाला कक्षा 10 पास होना चाहिए

-  ड्रोन की बुनियादी जानकारी होनी चाहिए


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