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सामुदायिक रसोई के मसले पर हलफनामा दाखिल नहीं करने वाले राज्‍यों पर पांच लाख का जुर्माना

Supreme Court on community kitchen सुप्रीम कोर्ट ने सामुदायिक रसोइयां बनाए जाने के मसले पर हलफनामा दाखिल नहीं करने वाले राज्‍यों को भारी जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 02:17 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 02:18 PM (IST)
सामुदायिक रसोई के मसले पर हलफनामा दाखिल नहीं करने वाले राज्‍यों पर पांच लाख का जुर्माना
सामुदायिक रसोई के मसले पर हलफनामा दाखिल नहीं करने वाले राज्‍यों पर पांच लाख का जुर्माना

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सामुदायिक रसोइयां बनाए जाने के मसले पर हलफनामा दाखिल नहीं करने वाले राज्‍यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सोमवार को जमकर फटकार लगाई और भारी जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि राज्‍य एवं केंद्र शासित प्रदेश अगले 24 घंटे में हलफनामा दाखिल कर देते हैं तो उनको केवल एक लाख रुपए जुर्माना अदा करना होगा जबकि इतने समय में भी हलफनामा नहीं दाखिल करने वाले हराज्‍यों को पांच लाख रुपए जमा करने होंगे।

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दरअसल, एक जनहित याचिका में भुखमरी की समस्या से निपटने के लिए देशभर में सामुदायिक रसोइयां बनाए जाने को लेकर राज्‍यों को निर्देश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते 18 अक्टूबर को सामुदायिक रसोई बनाने का समर्थन किया था। शीर्ष अदालत का कहना था कि देश को भुखमरी की समस्या से निपटने के लिए ऐसी प्रणाली की जरूरत है। अदालत ने इसी याचिका पर हलफनामा दाखिल नहीं करने को लेकर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को फटकार लगाई।

न्यायमूर्ति एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अगले 24 घंटे में हलफनामा दायर करने वाले राज्यों को एक लाख रुपए देने होंगे। यदि इस अवधि के दौरान भी कोई राज्‍य हलफनामा दाखिल नहीं करता तो उसे पांच लाख रुपए देने होंगे। पीठ ने सामुदायिक रसोइयां बनाने के प्रस्ताव पर केंद्र को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा। राज्‍यों से भी इस बाबत जवाब दाखिल करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मालूम हो कि पंजाब, नगालैंड, कर्नाटक, उत्तराखंड, झारखंड और दो केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान निकोबार एवं जम्मू कश्मीर ने ही उक्‍त पीआइएल पर अपना जवाब दाखिल किया है।  


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