सीआरपीएफ को पहली बार मिली एसआरई फंड के सीधे इस्तेमाल की अनुमति
एसआरई योजना केंद्र सरकार की ओर से नक्सलवाद और उग्रवाद प्रभावित राज्यों को उपलब्ध कराई जाती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कश्मीर घाटी और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सीआरपीएफ को जवानों के लिए बुनियादी ढांचा निर्माण के लिए सरकार ने पहली बार केंद्र प्रायोजित सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) कोष के सीधे इस्तेमाल की अनुमति प्रदान कर दी है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय का फैसला
अधिकारियों ने बताया कि अभियान वाले इलाकों में कैंपों, बैरकों और अन्य आवासीय सुविधाओं के निर्माण में विलंब का सामना कर रहे सीआरपीएफ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकारों की अनुमति से सीधे एसआरई फंड से धन निकालने की अनुमति प्रदान कर दी है।
एसआरई योजना केंद्र सरकार की ओर से नक्सलवाद और उग्रवाद प्रभावित राज्यों को उपलब्ध कराई जाती है ताकि परिवहन, संचार, वाहनों को किराये पर लेना, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को स्टाइपेंड देना और सुरक्षा बलों के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसे सुरक्षा संबंधी व्यय की भरपाई की जा सके। दरअसल, राज्यों की ओर से धन मिलने में देरी की वजह से जवानों के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में काफी विलंब हो जाता था, इसीलिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हाल ही में सीआरपीएफ ने इस कोष के इस्तेमाल से कैंपों का निर्माण किया है। राज्य के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में भी इस कोष के इस्तेमाल से कैंपों का निर्माण कार्य जारी है। इसी तरह कश्मीर घाटी में भी कई सीआरपीएफ कैंपों का इस कोष के इस्तेमाल से नवीनीकरण और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।