आइआरसीटीसी समेत तीन पर लाखों रुपये का जुर्माना
एडीएम कुमार विनीत ने जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से आइआरसीटीसी समेत दो अन्य के खिलाफ दायर वाद 2009/2014 पर गत 20 अक्टूबर को यह फैसला सुनाया।
धर्मेन्द्र मिश्रा, नोएडा : देश की लगभग सभी ट्रेनों में खाद्य व पेय पदार्थ उपलब्ध कराने वाली कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आइआरसीटीसी) समेत दो अन्य पर अपर जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम), गौतमबुद्धनगर ने चरमगज (एक प्रकार का मेवा) का नमूना फेल होने पर 3.45 लाख रुपये का जुर्माना किया है।
एडीएम कुमार विनीत ने जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से आइआरसीटीसी समेत दो अन्य के खिलाफ दायर वाद 2009/2014 पर गत 20 अक्टूबर को यह फैसला सुनाया। कंपनी ने खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया। खाद्य की गुणवत्ता को बरकरार नहीं रखा और मानकों का उल्लंघन किया।
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जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने आइआरसीटीसी के नोएडा स्थित केंद्रीय किचन से चरमगज का नमूना नौ अक्टूबर 2013 को लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजा था। राजकीय खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला ने 22 अक्टूबर 2013 को जांच रिपोर्ट दी थी, जिसमें चरमगज को अधोमानक (सड़ा-घुना) करार दिया गया था। यह एक प्रकार का मेवा है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की स्वादिष्ट मिठाइयां बनाने व अन्य के लिए किया जा रहा था। इस मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने आइआरसीटीसी समेत दो अन्य को पार्टी बनाते हुए मुकदमा दायर किया था। एडीएम ने राजकीय प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट को प्रमाणिक दस्तावेज मानते हुए आइआरसीटीसी पर 25 हजार रुपये, इसके मैनेजर पर 20 हजार व निर्माता कंपनी पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
मुझे किसी खाद्य पदार्थ को लेकर कंपनी पर जुर्माना लगाने की कोई जानकारी नहीं है।
मनोचा, निदेशक आइआरसीटीसी नई दिल्ली