Move to Jagran APP

वित्त मंत्री ने कहा- कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दूसरे पैकेज का विकल्प बंद नहीं

औद्योगिक संगठन भी सरकार से दूसरे राहत पैकेज की मांग कर चुके हैं। दूसरी तरफ सरकार यह भी कह रही है कि वह अब और कर्ज लेने की स्थिति में नहीं है। चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार 12 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 11:20 PM (IST)
वित्त मंत्री ने कहा- कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दूसरे पैकेज का विकल्प बंद नहीं
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने अपने सभी दरवाजे खोल रखे हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने अपने सभी दरवाजे खोल रखे हैं। सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर से यह संकेत दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने दूसरे आर्थिक राहत पैकेज के लिए अपने विकल्प बंद नहीं किए हैं।

loksabha election banner

सीतारमण ने कहा- जीडीपी में गिरावट का मूल्यांकन शुरू कर दिया गया

वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह की किताब 'पोट्रेट आफ पावर' के विमोचन के अवसर पर सीतारमण ने कहा कि जीडीपी में गिरावट का मूल्यांकन शुरू कर दिया गया है और इस संबंध में उन्हें जानकारी भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कराए जा रहे मूल्यांकन के आधार पर निर्णय किया जा सकता है।

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लोगों के पास नकदी जरूरी है

अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ाने एवं मांग में बढ़ोतरी के लिए सरकार की तरफ से हाल ही में एलटीसी पैकेज और सभी केंद्रीय कर्मचारियों को फेस्टिव एडवांस देने का फैसला किया गया। वित्त मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक इससे अर्थव्यवस्था में एक लाख करोड़ की मांग निकल सकती है। इस साल मार्च के आखिरी सप्ताह में कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन की घोषणा के बाद गत मई में सरकार की तरफ 21 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई थी। हालांकि आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को लोगों के हाथ में सीधे तौर पर और नकदी देने की जरूरत है।

औद्योगिक संगठन दूसरे राहत पैकेज की मांग कर चुके हैं

औद्योगिक संगठन भी सरकार से दूसरे राहत पैकेज की मांग कर चुके हैं। दूसरी तरफ सरकार यह भी कह रही है कि वह अब और कर्ज लेने की स्थिति में नहीं है। चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार 12 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.