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LGBTQ में भय और स्‍टेडियम में 'शराब पर बैन', कतर में FIFA World Cup 2022 को कैसे एंज्‍वॉय करें फैंस?

FIFA World Cup 2022 कतर का कहना है कि इस विश्वकप में सभी का स्वागत है चाहे वो किसी भी समुदाय और जगह से हों लेकिन इस आश्वासन के बावजूद समलैंगिक समुदाय के बीच असुरक्षा के भाव से इंकार नहीं किया जा सकता।

By TilakrajEdited By: Wed, 23 Nov 2022 08:48 AM (IST)
LGBTQ में भय और स्‍टेडियम में 'शराब पर बैन', कतर में FIFA World Cup 2022 को कैसे एंज्‍वॉय करें फैंस?
पहली बार किसी खाड़ी देश में हो रहा FIFA World Cup

नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। कतर में चल रहे फीफा वर्ल्‍ड कप 2022 के मैच में सऊदी अरब ने अर्जेंटीना को हराकर पूरे विश्‍व का ध्‍यान आकर्षित किया है। इस बड़े उलटफेर ने फुटबाल मैच के दीवानों का उत्‍साह जरूर बड़ा दिया होगा। ऐसे में कतर FIFA World Cup 2022 देखने पहुंचने वाले दर्शकों की संख्‍या में इजाफा हो सकता है। हालांकि, कतर एक मुस्लिम देश है ऐसे में समलैंगिकों में एक भय है। शराब पीने पर यहां सख्‍त प्रतिबंध है। ऐसे में फैंस को यहां कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में डेनमार्क के एक पत्रकार के साथ कतर में फीफा वर्ल्‍ड कप 2022 की रिपोर्टिंग करते समय दुर्व्‍यवहार किया गया। आइए आपको बताते हैं ऐसे कई विवाद जिसपर कतर में फीफा वर्ल्‍ड कप 2022 को लेकर चर्चा हो रही है।

FIFA World Cup 2022 की रिपोर्टिंग कर रहे रिपोर्टर का कैमरा तोड़ा!

कतर एक मुस्लिम देश है, जहां कई पाबंदियां हैं। कुछ लोग इन पाबंदियों के नाम पर फीफा वर्ल्‍ड कप 2022 में विदेशी लोगों के साथ दुर्व्‍यवहार भी कर रहे हैं। डेनमार्क पत्रकार रासमस टैंथोल्‍ड्ट ऐसे ही लोगों का शिकार हुए। रासमस फीफा विश्वकप में कतर से रिपोर्टिंग कर रहे थे, तभी वहां तीन लोग आए और उन्हें प्रसारण करने से रोक दिया। इसके बाद उनका कैमरा ब्लॉक करते हुए नजर आए। घटना के बाद रासमस को ये कहते सुना गया कि आपने पूरी दुनिया को यहां बुलाया है, हम प्रसारण क्यों नहीं कर सकते? ये एक सार्वजनिक स्थान है! आप कैमरा तोड़ना चाहते हैं, आप कैमरा तोड़ सकते है।

पहली बार किसी खाड़ी देश में हो रहा FIFA World Cup

ये पहली बार है, जब किसी खाड़ी देश को फुटबॉल के वर्ल्ड कप की मेजबानी का मौका मिला है। फुटबॉल मैचों को लेकर सबसे ज्‍यादा दीवानगी यूरोप के फैन्स में देखने को मिलती है। वे फुटबॉल मैचों को खुलकर एंज्‍वॉय करते हैं। उनको नियमों में बंधकर मैच देखने की आदत नहीं है, जो कतर ने लगा रखे हैं। कई मुस्लिम देशों में तो महिलाओं को स्‍टेडियम में आकर मैच देखने की इजाजत भी नहीं थी।

LGBTQ लोगों में भय, महिलाओं के अधिकार...!

मुस्लिम देशों में समलैंगिकता गलत और अवैध माना जाता है। समलैंगिकता को कई देशों ने स्वीकृति दे दी है, लेकिन LGBTQ समुदाय से आने वाले कुछ फुटबॉल खिलाड़ियों और महिलाओं ने इस टूर्नामेंट में आ रहे फैंस के लिए चिंता जताई है। दरअसल, फुटबॉल मैचों के दौरान समलैंगिक जोड़ों के बीच जैसी 'नजदीकियां' देखने को मिलती हैं, उसकी इजाजत कतर में नहीं होगी।

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स्‍टेडियम में हर जगह शराब नहीं पी सकते फैंस

फुटबॉल मैच के दौरान आमतौर पर लोगों के हाथों में बीयर के गिलास नजर आते हैं। शराब पीते-पीते लोग फुटबॉल मैच का मचा लेते हैं। हालांकि, कतर में फुटबॉल फैंस को ये लुत्‍फ उठाने का मौका नहीं मिलेगा। दरअसल, कतर में शराब पर प्रतिबंध है। हालांकि, सरकार ने फुटबॉल मैच के दौरान नियमों में कुछ ढील दी है। कतर में शर्तों के साथ शराब की अनुमति है, वो भी केवल कुछ चिन्हित जगहों पर और स्टेडियम में एक वीआईपी स्थान पर। वीआईपी जगह पर निर्धारित संख्‍या में ही फैंस पहुंच सकते हैं। ऐसे में काफी फैंस को निराशा ही हाथ लगेगी। कतर में फुटबॉल के वर्ल्ड कप 2022 टूर्नामेंट के मुख्य अधिकारी नासिर अल खातेर ने कहा है कि शराब पीने वाले फैंस के लिए अलग से जगह बनाई गई है, ताकि वे बाकी फैंस के लिए मुसीबत पैदा न करें। फुटबॉल फैन्स के लिए ये अजीब होगा कि वे बिना बीयर के मैच देखें, क्योंकि यूरोप में ये आम है।

प्रवासी मजदूरों के साथ बुरा व्‍यवहार...!

कतर को प्रवासी मजदूरों के लिए मानव अधिकार संगठनों की काफी आलोचना और आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। कतर में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ जिस तरह का बर्ताव हो रहा है, उसकी लगातार आलोचना हो रही है। 2021 में गार्डियन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कतर में पिछले 10 सालों में 2,711 भारतीय श्रमिकों की मौत हुई है। वहीं, इस साल 11 फरवरी को विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि कतर में काम करते हुए पिछले 5 सालों में 1,665 भारतीय श्रमिकों की मौत हुई है। ऐसे में इंग्लैंड और जर्मनी सहित 10 यूरोपीय देशों के फुटबॉल संघों ने कतर में प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों में सुधार के लिए कार्रवाई पर जोर दिया है। हालांकि, कतर सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर काम किया जा रहा है और लगातार सकारात्‍मक नतीजे सामने आ रहे हैं।

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