लॉकडाउन में थोड़ी राहत से महिलाओं की उम्मीदों को लगे पंख, मुश्किलों के बीच आगे बढ़ने को तैयार
लॉकडाउन के चौथे चरण में कुछ ढील मिलने से नई उम्मीदों के साथ अब इनकी सोच को पंख लगने लगे हैं। किसी को अपना काम संभालना है तो किसी को परिवार।
नई दिल्ली, यशा माथुर। कोविड 19 के पूरी तरह से खत्म हो जाने के आसार अभी कम ही नजर आ रहे हैं लेकिन जिंदगी को व्यवस्थित तो करना है। इसे फिर से पटरी पर लाना है। अपने काम को फिर गति देना है। ढेरों सावधानियों और सतर्कता के साथ जीवन को नए तरीकों में ढालना है। इस मुश्किल को समझ रही हैं महिलाएं और आगे आने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए स्वयं को तैयार कर रही हैं। उड़ान भरने की चाहत और आशावादी सोच पनपने लगी है उनके मन में।
लॉकडाउन के चौथे फेज में कुछ ढील मिलने के क्रम में उनकी योजनाएं परवान चढ़ने लगी है। नई उम्मीदों के साथ उनकी सोच को पंख लगने लगे हैं। लॉकडाउन में कुछ राहतें आने के बाद किसी को अपना काम संभालना है तो किसी को परिवार...
जाना है पैरेंट्स के पास- जॉर्जिया एंड्रियानी
'वेलकम टू बजरंगपुर' से बॉलीवुड में डेब्यू की प्रतीक्षा कर रहीं इटालियन मॉडल और अभिनेत्री जॉर्जिया एंड्रियानी को अपने परिवार की याद आ रही है और लॉकडाउन में छूट मिलते ही वे सबसे पहले अपने माता-पिता से मिलने के लिए इटली जाएंगी। इस समय इटली में भी हालात खराब हैं और उन्हें माता-पिता की सेहत की चिंता सता रही है। वे कहती हैं कि लॉकडाउन में अकेले मुंबई में रह गई। अब उन्हें जल्द से जल्द अपने परिवार से मिलना है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर ईशा भी लॉकडाउन के चलते मलेशिया के क्वालालम्पुर में फंस गई हैं। उन्हें भी अपने परिवार से मिलने जयपुर आना है।
सार्वजनिक जगहों पर नहीं जाऊंगी- पौलोमी दास
मॉडल और एक्टर पौलोमी दास का कहना है कि सेट पर हमारी सुरक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं होंगी तो मैं सेट पर ही जाना चाहूंगी। लॉकडाउन में मैंने घर के सारे काम किए। अपनी इटालियन दोस्तों से उनकी डिशेज बनानी सीखीं। अब मैं अपनी एक्टिंग की दुनिया में जाना चाहती हूं। घर पर रह कर खूब डांस कर चुकी हूं। मनमर्जी का खाना खा चुकी हूं अब काम पर जाने का मन कर रहा है। सार्वजनिक जगहों पर बिल्कुल नहीं जाऊंगी। अगर सब कुछ सामान्य हो जाता है तो मैं क्रिसमस मनाने इटली जाऊंगी।
बेसहारा जानवरों का ख्याल करना है- संगीता कापुरे
टीवी एक्टर संगीता कापुरे ने कहा कि लॉकडाउन ने मुझे एक जिम्मेदारी दे दी है कि मैं बेसहारा जानवरों का खयाल करूं। रोज शाम को मैं जानवरों को विशेषकर कुत्तों को खाना देकर आती हूं। मुझे यह कहते हुए बहुत अफसोस हो रहा है कि कुछ लोगों ने अपने सालों से पालतू जानवरों को अब बेबस छोड़ दिया है। इस काम से परिवार में सकारात्मकता बनी हुई है। खाली समय में मैंने जागरूकता के लिए कविता 'आज मैं घर हूं, तो खुश हूं' लिखी थी। लॉकडाउन में ढील मिलते ही ही मुंबई के शिव मंदिर 'बाबुुलनाथ' जाऊंगी वहां हर चीज के लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा करूंगी। अपने उन नजदीकी दोस्तों से मिलूंगी जिनसे कई दिनों से नहीं मिल पाई। मेडीटेशन काफी किया है और इसके साथ ही आगे बढ़ूंगी।
सेट की याद आ रही है- प्रणति राय प्रकाश
मॉडल और एक्टर प्रणति राय प्रकाश ने बताया कि मुझे आदत है अकेले रहने की। मैं काफी चीजें कर रही हूं। पहले मैं उबली हुई सब्जियां खा लेती थी। लेकिन इस बार पांच दिन में ही ऊब गई। बाजार जाकर अलग-अलग तरह के मसाले लाई और खाने में स्वाद बढ़ाया। लॉकडाउन के दौरान जिमनास्टिक क्लास के लिए नहीं जा सकी। घर पर मैंने फिटनेस के लिए काफी काम किया और अपने प्रशंसकों को प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियोज भी डाले। मेकअप वीडियो भी बनाए। मैंने दो गाने भी लिखे और गाए।
यह तय है कि लॉकडाउन में बंदिशें कम होने के बाद भी अपने लिए खाना खुद ही बनाऊंंगी क्योंकि यह बहुत स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। जल्दी ही मुझे फ्लैट भी बदलना है। हमारी इंडस्ट्री का काम शुरू होगा तो काम पर जाना है। शूट करने का मन कर रहा है। सेट की याद आ रही है। इतने दिन तक एक्टिंग छोड़ने से परफॉर्मेंस का डर लग रहा है। एक्टिंग खेलों की तरह होती है जितनी प्रैक्टिस होगी यह निखरेगी। इसलिए घर में शीशे के सामने एक्टिंग करती हूं। अलग-अलग किरदार करती हूं। मेरी वेब सीरीज भी आई है। लॉकडाउन खुलने पर नए काम शुरू करूंगी।
खुलेंगे नए द्वार- रागिनी
स्कूल कॉर्डिनेटर रागिनी ने फुरसत के इन दिनों में अपने खुद के गाने लिखे और उन्हें गाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उनकी आवाज कई लोगों को भा गई है। कईयों ने उनके साथ रिकॉर्डिंग करने की इच्छा व्यक्त की है। कहती हैं रागिनी, 'मैंने तो लॉकडाउन में गायन के नए करियर की नींव रख दी है अब अपने शौक को ही आगे करियर की तरह बढ़ाऊंगी। जिन्होंने प्रस्ताव दिए हैं उनसे मीटिंग कर आगे का काम तय करूंगी।' इसी तरह से प्रतिमा ने अपनी पेंटिंग को धार दी है। बड़े कलाकारों से ऑनलाइन कक्षाएं ली हैं और अब इंस्टाग्राम पर नया अकाउंट खोल इसे प्रोमोट कर रही हैं। जल्द ही फील्ड के लोगों से मिलेंगी प्रतिमा।
हमें बढ़ना है आगे- सोनम अग्रवाल
सोसायटी के वाट्सएप ग्रुप पर खबर है कि हैंडीक्राफ्ट का काम करने वाली और क्रिएटिव पैकिंग जैसे शौक से नाम कमाने वाली सोनम अग्रवाल जुंबा डांस की ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर रही हैं। इसके साथ ही वे फिटनेस के टिप भी देंगी। दरअसल लॉकडाउन के दिनों में सोनम ने खुद जुंबा का कोर्स कर लिया और अब वे इसे एक नए प्रोफेशन के तौर पर बढ़ाने के लिए तैयार हैं। होममेकर काजल ने अपने बच्चों की पढ़ाई को गंभीरता से लेना शुरू किया है।
वे कहती हैं कि ऑनलाइन स्टडी जरूर हुई लेकिन बच्चे पढ़ाई में पीछे छूटे से लगते हैं। वंदना को लगता है कि अपने बच्चे की स्पोर्ट्स प्रैक्टिस को शुरू करवाने की योजना बनाऊं। वे फिलहाल बेटे आयुष को फुटबॉल की ऑनलाइन कोचिंग दिलवाने की ही सोच रही हैं। ताकि जब घर से बाहर निकलना सुरक्षित हो तब बेटे के खेल में कोई बड़ा अंतर नजर नहीं आए। इस लॉकडाउन महिलाओं ने जिन कमियों को महसूस किया है, उन्हें वही पाना है। अगर किसी ने कुछ नया पाया है तो उसे आगे बढ़ाना है।