Move to Jagran APP

ससुर नहीं चाहते बहू को पैदा हो संतान, कारण जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

भोपाल में एक व्यक्ति ने अपने इकलौते बेटे और बहू पर दबाव बनाया कि यदि उन्हें संतान हुई तो वे दोनों को संपत्ति से बेदखल कर देंगे। शादी के सात साल बाद भी बच्चा न पैदा कर पाने से दुखी बहू थक हारकर कुटुम्ब न्यायालय पहुंची।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 06:24 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 09:00 AM (IST)
ससुर नहीं चाहते बहू को पैदा हो संतान, कारण जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
भोपाल में एक दादा ऐसे भी हैं जिन्होंने पोते-पोतियों के जन्म पर ही पाबंदी लगा दी है। फाइल फोटो

 भोपाल, अंजली राय। दादा-दादी का सपना होता है कि पोते-पोतियां खिलाएं। उन पर अपनी सुख-संपत्ति लुटाएं, लेकिन भोपाल में एक दादा ऐसे भी हैं, जिन्होंने पोते-पोतियों के जन्म पर ही पाबंदी लगा दी है। उन्होंने इकलौते बेटे और बहू पर बच्चे पैदा नहीं करने को लेकर दबाव बनाया है। उन्होंने कहा है कि यदि उन्हें संतान हुई तो वे दोनों को अपनी संपत्ति से बेदखल कर देंगे। शादी के सात साल बाद भी बच्चे का सुख नहीं मिल पाने से दुखी बहू थक हारकर कुटुंब न्यायालय पहुंची है। उसने गुहार लगाई है कि उनके ससुर को समझाया जाए। हालांकि, छह काउंसिलिंग के बाद भी ससुर नहीं माने। अब उन्हें अगली काउंसिलिंग में बुलाने की तैयारी है।

loksabha election banner

यह अजीबोगरीब मामला है, भोपाल के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के परिवार का। शादी के शुरआती सालों में तो बहू ने ससुर और पति को समझाने की कोशिश की, लेकिन मामला नहीं सुलझा। समाज और परिवार के तानों से परेशान होकर आखिर बहू ने सितंबर 2020 में कुटुंब न्यायालय में आवेदन दिया। उन्होंने काउंसलर सरिता राजानी के सामने अपनी बात रखी। डेढ़ महीने से चल रही सुनवाई के बाद भी कोई हल नहीं निकला है। काउंसलर राजानी ने बेटा व बहू को अलग घर लेकर रहने की सलाह दी, लेकिन पति अपने पिता को छोड़ना नहीं चाहता है। ससुर भी मानने को तैयार नहीं हैं। सास की कई साल पहले मौत हो चुकी है।

ससुर बोले-बच्चा हुआ तो मुझे वृृद्धाश्रम भेज देंगे

जब काउंसलर ने सेवानिवृृत्त अधिकारी को बुलाया तो उन्होंने तर्क दिया कि यदि बेटे-बहू को बच्चा हुआ तो वे मेरी देखभाल नहीं करेंगे। मुझे वृृद्धाश्रम भेज देंगे। बेटे की शादी संतान उत्पत्ति के लिए नहीं की है। बेटे-बहू का पहला फर्ज मेरी सेवा करना है। मेरे मरने के बाद ये लोग संतान पैदा कर सकते हैं। यदि बहू को संतान चाहिए तो वह मेरे बेटे को तलाक देकर दूसरी शादी कर सकती है।

पति भी नहीं दे रहे साथ

पहली काउंसिलिंग में पति ने कहा कि पिता नहीं चाहते हैं कि कोई संतान हो। अगर हमने ऐसा किया तो वे अपनी संपत्ति से हमें बेदखल कर देंगे। पति निजी कंपनी में कर्मचारी हैं।

बहू ने किया वादा, बच्चा होने के बाद भी ससुर की करूंगी सेवा

काउंसिलिंग के दौरान बहू ने वादा किया कि वह कोर्ट में शपथ पत्र देने को तैयार हैं कि बच्चा होने के बाद भी वह ससुर की सेवा करेंगी।

यह मामला काफी अलग है

हर पिता चाहता है कि उसका बेटा उसकी पीढ़ी को आगे बढ़ाए, लेकिन यह मामला काफी अलग है। पहली बार ऐसे बुजुर्ग देखने को मिले हैं, जो अपने स्वार्थ के लिए बेटा-बहू पर संतान पैदा नहीं करने का दबाव डाल रहे हैं।

- सरिता राजानी, काउंसलर, कुटुंब न्यायालय, भोपाल

डरने की जरूरत नहीं

इस मामले में पिता को समझाया जाना चाहिए कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। उनके लिए कानून बना है।

-रेणु शर्मा, सेवानिवृृत्त न्यायाधीश, भोपाल

बेटे को खुद निर्णय लेना होगा

बुजुर्ग में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। ऐसे व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन होने लगता है। सोच बदलने लगती है। इस मामले में बेटे को खुद निर्णय लेना होगा।

-डॉ. राहुल शर्मा, चिकित्सा मनोविज्ञानी, भोपाल

 न्यायालय दे सकती है राहत

भरण-पोषण के लिए कोई भी व्यक्ति न्यायालय में सीआरपीसी की धारा 125 के तहत प्रकरण दायर कर सकता है। इसमें माता-पिता भी शामिल हैं। न्यायालय चाहे तो धारा 128 के तहत अंतरिम भरण-पोषण के आदेश जारी कर उन्हें राहत दे सकती है।

केएल जैन, वरिष्ठ अभिभाषक, हाई कोर्ट, इंदौर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.