तूतीकोरिन हिंसा: बेटे के शव के लिए पिता ने हाई कोर्ट में लगाई गुहार
एक पिता ने गुहार लगाई कि हिंसा में मारे गए बेटे का शव उसे सौंपा जाए, जिससे वह उसका रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कर सके।
चेन्नई (प्रेट्र)। तूतीकोरिन हिंसा से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए जस्टिस टी रविंद्रन व पी वेलमुर्गन की बेंच बैठी तो मानवीय संवेदनाओं को आहत करने वाली याचिका भी सामने आई।
एक पिता ने गुहार लगाई कि हिंसा में मारे गए बेटे का शव उसे सौंपा जाए, जिससे वह उसका रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कर सके। बेंच ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह मामले में खुद को पार्टी बनाकर अपील करे। सुनवाई 30 मई तक के लिए टाल दी गई।
एस. बलिय्या ने हाई कोर्ट में कहा कि उसका बेटा तूतीकोरिन में स्थित सचिवालय के पास के एटीएम में गया था। उसे पैसों की जरूरत थी और वह यह नहीं जानता था कि माहौल खराब है। इस दौरान हुई पुलिस फायरिंग में वह निशाना बन गया और उसकी जान चली गई। हाई कोर्ट ने खुद अगले आदेश तक सभी 13 शवों को सुरक्षित रखने के लिए कहा है। इस वजह से उसने याचिका दायर की है। बलिय्या ने हाई कोर्ट से अपील की कि अथॉरिटी को एक आदेश जारी किया जाए जिससे शव उसे दिया जा सके।
तूतीकोरिन हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अधिवक्ता जीएस मनी ने मांग की है कि अदालत अपनी निगरानी में हिंसा की सीबीआइ जांच कराए, क्योंकि राज्य पुलिस किसी भी सूरत में जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं करने वाली है। मामले में अगली सुनवाई 28 मई को होगी।
बता दें कि मंगलवार को तूतीकोरिन (अब थूथकुड़ी) शहर में लोग वेदांता ग्रुप की स्टरलाइट कॉपर यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस में हिंसक झड़प हुई। जिसके बाद 'पुलिस कार्रवाई' में एक दर्जन लोग मारे गए और 42 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं।