पाक पर लटकती रहेगी एफएटीएफ की तलवार, आतंकियों के खिलाफ करनी होगी निर्णायक कार्रवाई
आतंकी संगठनों और आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान ने अभी तक जो कदम उठाए हैं उसको लेकर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी आश्वस्त नहीं है। पाकिस्तान को अब मनी लांड्रिंग पर सात और नए निर्देशों का पालन करना होगा।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। आतंकी संगठनों और आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान ने अभी तक जो कदम उठाए हैं, उसको लेकर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी आश्वस्त नहीं है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी फंडिंग रोकने व इसकी निगरानी के लिए स्थापित एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को निगरानी सूची में बनाए रखने का फैसला किया है। इसका मतलब यह हुआ कि जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों व इन दोनों के सरगनाओं मसूद अजहर और हाफिज सईद के फंड को रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार को और कदम उठाने होंगे। पाकिस्तान को अब मनी लांड्रिंग पर सात और नए निर्देशों का पालन करना होगा।
पाक आतंकी संगठनों के वरिष्ठ कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहा: एफएटीएफ
एफएटीएफ के प्रेसिडेंट डाॅ. मार्केस प्रेयर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ महीनों में कुछ आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की है। उसने टास्क फोर्स की तरफ से दिए गए दूसरे नियमों का पालन भी किया है। आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए अपने कानून को भी दुरुस्त किया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की तरफ से नामित आतंकी संगठनों के वरिष्ठ कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करने में वह असफल रहा है।
मनी लांड्रिंग, आतंकी फंडिंग रोकने के लिए की गई व्यवस्था में भारी गड़बड़ी
मनी लांड्रिंग व आतंकी फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान की तरफ से की गई व्यवस्था में भी हमारी एजेंसी ने भारी गड़बड़ी पाई है। इस तरह के नियमों व कानून में कमी होने का फायदा आतंकी संगठन उठा सकते हैं व वहां भ्रष्टाचार भी बढ़ने का खतरा है। इसलिए पाकिस्तान को निगरानी सूची में बनाए रखने का फैसला किया गया है।
एफएटीएफ का फैसला पाकिस्तान सरकार के लिए बड़ा झटका
एफएटीएफ का यह फैसला पाकिस्तान सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा सकता है, क्योंकि जून 2018 के बाद से वह लगातार निगरानी सूची में बना हुआ है। इस एजेंसी ने पाकिस्तान को कुल 27 नियमों का पालन करने का निर्देश दिया था, ताकि आतंकी संगठनों को फंड जुटाने के सारे रास्तों को बंद किया जा सके। पाकिस्तान का दावा है कि उसने इनमें से 26 नियमों का पालन किया है। एफएटीएफ प्रेसिडेंट ने भी यह बात मानी है, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान सरकार जिस तरह से कभी कभार हाफिज सईद या मसूद अजहर पर दिखावटी कार्रवाई करती है, उससे काम नहीं चलने वाला।
पाकिस्तान अगर गंभीरता नहीं दिखाएगा तो ब्लैक लिस्ट में जाना पड़ सकता है
कई बार यह देखा गया है कि एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कुछ कदम उठाता है, लेकिन बाद में उन्हें राहत दे देता है। हाफिज सईद व मसूद अजहर को भी कई बार जेल में बंद किया जाता है, लेकिन उनके संगठनों को दूसरे नामों से काम करने दिया जाता है। जानकारों की मानें तो पाकिस्तान अगर गंभीरता नहीं दिखाएगा तो उसे आगे ब्लैक लिस्ट (प्रतिबंधित) में जाना पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को पाक के झूठे कदमों पर भरोसा नहीं
एफएटीएफ के रवैये से यह साफ हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी पाक सरकार के झूठे कदमों पर भरोसा नहीं करेगी। साथ ही शुक्रवार को एफएटीएफ ने पाकिस्तान के लिए मनी लां¨ड्रग के कुछ नए नियमों के पालन करने की शर्त भी रख दी है। यही नहीं पाकिस्तान सिर्फ हाफिज सईद पर कार्रवाई करके एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ सकता बल्कि उसे जैश, तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, अलकायदा जैसे संगठनों के सरगना के खिलाफ भी ठोस कार्रवाई करनी होगी। यह काम उसे अक्टूबर 2021 तक करना होगा। नहीं तो उसे प्रतिबंधित सूची में भी जाना पड़ सकता है। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान यह स्वीकार कर चुके हैं कि एफएटीएफ ने ब्लैक लिस्ट किया तो उनके देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी।
दिखावे पर नहीं भरोसा
-मनी लांड्रिंग, आतंकी फंडिंग रोकने के लिए की गई व्यवस्था में भारी गड़बड़ी
-नियमों व कानून में कमी का फायदा उठा सकते हैं आतंकी संगठन।
आगे का रास्ता
-अब पाकिस्तान को हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ करनी होगी निर्णायक कार्रवाई
-मनी लांड्रिंग पर अब सात और निर्देशों का करना होगा पालन।