दोबारा दिल का दौरा पड़ने की वजह बन सकती है पेट पर जमा चर्बी
कीटोजेनिक या कीटो आहार को अक्सर वजन घटाने का अचूक फार्मूला बताया जाता है। लेकिन शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह पूरी तरह स्वास्थ्यवर्धक नहीं है।
नई दिल्ली, एजेंसी। जिन लोगों की कमर के आसपास अतिरिक्त चर्बी होती है उन्हें दोबारा दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा होता है। पूर्व में किए गए अध्ययनों में पेट के बढ़ने को दिल का पहला दौरा पड़ने की प्रमुख वजह माना गया था। लेकिन अभी तक इसका पता नहीं चल सका है कि पेट पर चर्बी बढ़ने और उसके बाद दिल का दौरा पड़ने के बीच क्या संबंध है? यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन में 22 हजार रोगियों का करीब चार साल तक विश्लेषण किया गया। इसमें 78 फीसद पुरुष और 90 फीसद महिलाओं के पेट पर अत्यधिक चर्बी थी। पुरुषों के कमर की नाप जहां 94 सेंटीमीटर या उससे ज्यादा थी जबकि महिलाओं की कमर की नाप 80 सेंटीमीटर या उससे ज्यादा थी। शोधकर्ताओं ने कहा कि पेट का मोटापा स्वतंत्र रूप से दिल के दौरे से जुड़ा है। (प्रेट्र)
पूरी तरह स्वास्थ्यवर्धक नहीं है कीटो आहार
कीटोजेनिक या कीटो आहार को अक्सर वजन घटाने का अचूक फार्मूला बताया जाता है। लेकिन शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह पूरी तरह स्वास्थ्यवर्धक नहीं है। कीटोजेनिक आहार में कम कार्बोहाइड्रेट, उच्च वसा और उच्च प्रोटीन शामिल होता है। आवश्यक दैनिक कैलोरी में से लगभग 70 फीसद हिस्सा वसा से मिलता है, 20 फीसद प्रोटीन और शेष 10 फीसद कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त होता है।
अगर शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी हो जाती है तो शरीर कीटोसिस की अवस्था में चला जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां वसा इसका प्राथमिक ईधन स्रोत बन जाता है। कीटो आहार में अनाज, फल और सब्जियों के शामिल नहीं होने के कारण तेजी से वजन घटाने की क्षमता के बावजूद डॉक्टर इसकी सलाह नहीं देते। हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में असिस्टेंट प्रोफेसर वसंती मलिक ने भी कीटो आहार को लेकर चिंता व्यक्त की है। (एएनआइ)