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कोरोना से बचाव में भी कारगर साबित हो रहा फास्टैग, हाथों के संपर्क से आदान-प्रदान की नहीं रही भूमिका

अभी तक किसी टोल प्लाजा पर किसी ड्राइवर अथवा टोल कर्मी के संक्रमित होने की कहीं से कोई सूचना नहीं प्राप्त हुई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 08:08 PM (IST)Updated: Sat, 21 Mar 2020 08:08 PM (IST)
कोरोना से बचाव में भी कारगर साबित हो रहा फास्टैग, हाथों के संपर्क से आदान-प्रदान की नहीं रही भूमिका

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फास्टैग ने इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन के जरिए टोल संग्रह को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। सत्तर फीसद से ज्यादा टोल संग्रह इलेक्ट्रानिक तरीके से होने के कारण एनएचएआइ के टोल प्लाजाओं पर दैनिक टोल संग्रह 60 फीसद से ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन बहुत कम लोगों को इस बात का अंदाजा होगा कि कोरोना को फैलने से रोकने मेंभी फास्टैग एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।

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जी हां, फास्टैग के कारण टोल प्लाजाओं पर अधिकांश टोल संग्रह बिना मानवीय संपर्क के हो रहा है। लगभग 70 फीसद टोल संग्रह फास्टैग के जरिये होने से रोजाना तकरीबन लाखों वाहन चालक टोल प्लाजा कर्मियों के साथ कैश, कार्ड तथा पेपर स्लिप के लेनदेन के बगैर राजमार्गो पर आवाजाही कर रहे हैं। इससे वाहन चालकों के साथ-साथ टोल कर्मी भी कोरोना के संक्रमण से काफी हद तक सुरक्षित हैं। अभी तक किसी टोल प्लाजा पर किसी ड्राइवर अथवा टोल कर्मी के संक्रमित होने की कहीं से कोई सूचना नहीं प्राप्त हुई है।

एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार अब तक तकरीबन 1.65 करोड़ वाहनों के फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। माना जाता है कि यातायात बंदिशों से पहले इनमें से 25 फीसद यानी 40 लाख से ज्यादा वाहन रोजाना सड़कों पर चल रहे होंगे। और इनके चालकों का टोल प्लाजा कर्मियों के साथ हाथों का संपर्क नहीं हो रहा होगा। जबकि अब भी 20-25 लाख वाहनों का आवागमन हो रहा होगा।

फिलहाल एनएचएआइ के 552 टोल प्लाजाओं में से 500 में फास्टैग के जरिए टोल संग्रह किया जा रहा है। कैश संग्रह के दौर में टोल प्लाजा पर अमूमन चार से लेकर आठ लेनों में 4 से लेकर 8 तक टोल कर्मी तैनात होते थे जो ड्राइवरों से कैश लेने तथा पर्ची तथा बैलेंस वापस करने का काम करते थे। ये कर्मी अब भी तैनात हैं। लेकिन अब इनका काम कंप्यूटर पर ऑनलाइन भुगतान को चेक करना तथा रीडिंग न होने पर बैरियर पर तैनात अन्य कर्मियों को हैंडहेल्ड मशीनों के उपयोग के लिए हरी झंडी देने का रह गया है। इस प्रक्रिया में वाहन चालक और टोल स्टाफ के बीच भौतिक संपर्क न होने से हाथों के जरिए वायरस के ट्रांसफर होने की संभावना न्यून हो गई है। अब केवल उन्हीं लेनों में इसका खतरा है जिन्हें बिना फास्टैग वाले वाहनों के लिए अब भी कैश या हाइब्रिड लेन के तौर पर खुला रखा गया है। ऐसे में फास्टैग को कोरोना ही नहीं, बल्कि छूत के जरिए फैलने वाली अन्य बीमारियों से बचाव के लिए भी फास्टैग एक सुरक्षात्मक उपाय के तौर पर सामने आया है।


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