फास्टैग से टोल संग्रह में सालाना 15 हजार करोड़ तक की वृद्धि की उम्मीद
-एनएचएआइ का दैनिक टोल संग्रह 66 करोड़ से बढ़कर 86 करोड़ रुपये पहुंचा। सिर्फ 50 फीसद वाहनो में फास्टैग लगने से इतना असर अंडररिपोर्टिग भी घटी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सभी टोल प्लाजा के फास्टैग अनुकूल होने तथा हाईवे पर चलने वाले सभी वाहनों में फास्टैग लगने से एनएचएआइ के टोल संग्रह में सालाना 15 हजार करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
सड़क मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक पिछले एक महीने में एनएचएआइ ने राष्ट्रीय राजमार्गो के अपने सभी 502 टोल प्लाजाओं में से 90 फीसद टोल प्लाजाओं को फास्टैग के अनुकूल बना दिया हैं। केवल 50 ऐसे टोल प्लाजा को फास्टैग अनुकूल बनाने का काम बाकी है जो पीडब्लूडी के अधीन आते हैं और जहां इलेक्ट्रानिक के बजाय पुरानी तकनीक से मैन्युअल टोल संग्रह हो रहा था।
इस बीच 22 नवंबर को सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की फास्टैग अनिवार्यता संबंधी प्रेस कांफ्रेंस के बाद राष्ट्रीय राजमार्गो पर चलने वाले तकरीबन पचास फीसद वाहन चालकों ने अपने वाहनों में फास्टैग लगा लिए हैं। मगर इतने से ही एनएचएआइ के दैनिक टोल संग्रह में 20 करोड़ रुपये का इजाफा हो गया है। पहले जहां रोजाना लगभग 66 करोड़ रुपये का टोल संग्रह हर होता था। वहीं अब हर रोज टोल से 86 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं।
इसका मतलब हर महीने 600 करोड़ और हर साल 7200 करोड़ रुपये का इजाफा। स्पष्ट है कि जब शत-प्रतिशत वाहनों में फास्टैग लग जाएगा तब एनएचएआइ को हर साल टोल संग्रह से 14,400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम हासिल होगी।
अभी एनएचएआइ का औसत दैनिक टोल संग्रह लगभग 66 करोड़, मासिक 2200 करोड़ और वार्षिक टोल संग्रह करीब 24 हजार करोड़ रुपये है। सड़क मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार फास्टैग से पहले के टोल संग्रह के आंकड़ों को सही नहीं माना जा सकता क्योंकि कैश भुगतान में बड़े पैमाने पर अंडर रिपोर्टिग होती थी। अर्थात टोल संग्रहकर्ता कांट्रैक्टर जितना संग्रह करते थे उतना रिकार्ड पर दिखाते नहीं थे।
अनुमान है कि लगभग 20 फीसद कम टोल संग्रह दर्शाया जाता था। फास्टैग लागू होने से अंडर रिपोर्टिग पर पूरी तरह अंकुश लग जाएगा। इसके अलावा 15 जनवरी अथवा उसके बाद जब बिना फास्टैग वाहनों से दो गुना टोल वसूलने का नियम सख्ती से लागू होगा तब राष्ट्रीय राजमार्गो पर चलने वाले सभी वाहनों से टोल कलेक्ट होगा और धौंसपट्टी या रसूख के बल पर टोल न देने वाले भी इससे बच नहीं पाएंगे, तब टोल संग्रह में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
इस बीच कुछ टोल प्लाजाओं पर तकनीकी समस्याओं के अलावा ज्यादातर टोल प्लाजाओं पर बिना फास्टैग वाहनों के फास्टैग लेन में प्रवेश करने और फिर दुगुना टोल देने की नौबत पर बहस और झगड़े-झंझट की घटनाएं देखने-सुनने में आ रही हैं। कहीं कैश के लिए एक चौथाई से कम लेन खोले जाने को लेकर बवाल हो रहा है। एनएचएआइ के अधिकारी इन्हें प्रारंभिक समस्याएं कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं।