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Farmers Protest: किसान दिल्ली कूच के लिए तैयार, हरियाणा ने पंजाब पुलिस से ‘उनके बुलडोजर’ जब्त करने को कहा

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने पंजाब के अपने समकक्ष गौरव यादव को एक पत्र लिखकर पंजाब पुलिस से उन बुलडोजर और मिट्टी खोदने वाले उन उपकरणों को जब्त करने को कहा जिन्हें ‘‘दो सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले किसान अवरोधकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लाए हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे उपकरण सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Wed, 21 Feb 2024 06:15 AM (IST)
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किसान 13 फरवरी से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस से उन बुलडोजर को जब्त करने को कहा, जो ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिर से शुरू करने जा रहे ‘‘पंजाब के किसान अपने साथ लाए हैं।’’ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी को लेकर केंद्र के साथ चार दौर की वार्ता विफल होने के बाद, प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो स्थानों से बुधवार को फिर से अपना मार्च शुरू करने के लिए तैयार हैं।

किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने रविवार को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी। लेकिन, किसान नेताओं ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

किसान राष्ट्रीय राजधानी से अब भी 200 किलोमीटर से अधिक दूरी पर हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यह सुनिश्चित करने के लिए अभ्यास किया कि राष्ट्रीय राजधानी में उन्हें प्रवेश करने से रोकने के लिए लगाये गए अवरोधकों को पार नहीं किया जा सके।

हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। इन किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया था, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई थी। किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब सरकार से मौखिक रूप से कहा कि वह कृषकों को बड़ी संख्या में इकट्ठा होने की अनुमति न दे।

अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार ट्रैक्टर-ट्रॉली राजमार्गों पर नहीं चलाई जा सकतीं। उसने कहा कि किसान बस या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करके दिल्ली जा सकते हैं।

प्रदर्शनकारी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।

पीठ ने केंद्र सरकार से किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की समिति के बीच हुई बैठकों के परिणामों के बारे में विवरण प्रदान करने के लिए हलफनामे के माध्यम से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा।

उच्च न्यायालय दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इनमें से एक याचिका में किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ हरियाणा और पंजाब की सरकारों तथा केंद्र की सभी कार्रवाइयों पर रोक लगाने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है। वहीं, दूसरी याचिका में यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा कोई राजमार्ग अवरुद्ध न किया जाए और ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने पंजाब के अपने समकक्ष गौरव यादव को एक पत्र लिखकर पंजाब पुलिस से उन बुलडोजर और मिट्टी खोदने वाले उन उपकरणों को जब्त करने को कहा, जिन्हें ‘‘दो सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले किसान अवरोधकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लाए हैं।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे उपकरण सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और प्रदर्शनकारी किसानों को ऐसे उपकरण उपलब्ध कराने पर इनके मालिकों को सख्त चेतावनी दी जानी चाहिए क्योंकि यह ‘‘एक आपराधिक कृत्य होगा।’’

हरियाणा सरकार ने किसानों के 'दिल्ली चलो' आंदोलन के मद्देनजर सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ बड़ी संख्या में ‘एसएमएस’ भेजने की सेवाओं पर प्रतिबंध बुधवार तक बढ़ा दिया। इससे अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिले प्रभावित हुए हैं। सरकार ने इससे पहले, 13, 15 और 17 फरवरी को मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि को बढ़ाया था।

वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून लाने के वास्ते एक दिन का संसद सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने केंद्र से कृषि ऋण माफी समेत किसानों की अन्य प्रमुख मांगों को स्वीकार करने को भी कहा। किसान नेताओं ने कहा है कि केंद्र का प्रस्ताव किसानों के पक्ष में नहीं है।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

किसान मजदूर मोर्चा का प्रतिनिधित्व करने वाले पंधेर ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारी मांग है कि एमएसपी की गारंटी का कानून लाया जाए। अगर प्रधानमंत्री के पास इच्छाशक्ति होगी तो संसद का एक दिन का सत्र बुलाया जा सकता है। कोई भी विपक्षी दल इसका विरोध नहीं करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि सभी विपक्षी दल अपना रुख स्पष्ट करें कि अगर केंद्र एमएसपी पर कानून लाता है, तो वे इसके लिए वोट करेंगे। चाहे शिरोमणि अकाली दल हो या कांग्रेस - उन्हें अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों को भी अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’

पंधेर ने कहा कि किसानों की तीन बड़ी मांगें हैं - सभी फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत’ फॉर्मूले का कार्यान्वयन और ऋण माफी। पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में किसानों ने प्रस्ताव दिया कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर एमएसपी पर कानून बनाया जाए।

कर्ज माफी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक किसानों पर कुल 18.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह घोषणा करने का अनुरोध किया कि कृषि ऋण माफ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक तंत्र बाद में तैयार किया जा सकता है।

पंधेर ने कहा, ‘‘भाजपा का दावा है कि मौजूदा प्रधानमंत्री एक मजबूत प्रधानमंत्री हैं। अगर वह 80 करोड़ किसानों और खेत मजदूरों का कर्ज माफ करने का ऐलान कर देते हैं तो इससे भाजपा के इस दावे पर मुहर लग जाएगी कि वह वाकई एक मजबूत प्रधानमंत्री हैं।’’

‘दिल्ली चलो’ मार्च पर एक सवाल का जवाब देते हुए किसान नेता ने कहा, ‘‘हम अपनी घोषणा (बुधवार को दिल्ली जाने की) पर कायम हैं।’’ वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा किसानों की कोई मांग नहीं मानी गई है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान दो किसानों की मौत के मुद्दे पर पंधेर ने कहा कि पंजाब सरकार को इस संबंध में एक नीति की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजा और घर के एक सदस्य के लिए नौकरी की मांग की।

खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे 72 वर्षीय एक किसान की रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इससे पहले शंभू बॉर्डर पर 63 साल के एक किसान की भी इसी कारण मौत हो गई थी।

प्रदर्शनकारी किसानों के प्रस्तावित दिल्ली मार्च से एक दिन पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने टिकरी, सिंघु और गाजीपुर सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया और मंगलवार को अभ्यास किया। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि इन तीन सीमाओं पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को मंगलवार को सतर्क रहने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि यात्रियों को दिक्कत हो सकती है।

दिल्ली और हरियाणा के बीच दो सीमा मार्गों - टिकरी और सिंघु को पुलिसकर्मियों की भारी तैनाती के साथ सील कर दिया गया है तथा वहां कंक्रीट एवं लोहे की कील के कई स्तरीय अवरोधक लगाये गये हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यदि जरूरत हुई तो बुधवार को गाजीपुर सीमा भी बंद की जा सकती है।

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़े करीब 177 सोशल मीडिया खातों और वेब लिंक को अस्थायी रूप से ‘ब्लॉक’ करने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि यह आदेश इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के अनुरोध पर आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) अधिनियम की धारा 69ए के तहत 14 और 19 फरवरी को जारी किए।