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देश के लिए किसान तैयार करेंगे 'किसान एजेंडा', मंत्रिमंडलीय समूह ने आईफा को भेजा संदेश

खेती-किसानी के समग्र विकास तथा किसान कल्याण के लिए ठोस एजेंडा तैयार कर जल्द ही सरकार को भेजा जाएगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 10:20 PM (IST)
देश के लिए किसान तैयार करेंगे 'किसान एजेंडा', मंत्रिमंडलीय समूह ने आईफा को भेजा संदेश
देश के लिए किसान तैयार करेंगे 'किसान एजेंडा', मंत्रिमंडलीय समूह ने आईफा को भेजा संदेश

रायपुर, जेएनएन। भारत सरकार के लिए 'किसान एजेंडा' अब किसानों के सहयोग से ही तैयार होगा। कोविड के लिए गठित अंतर-मंत्रिमंडलीय समूह के प्रमुख रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) को यह संदेश आया है।

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आईफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने बताया कि सुझाव भेजने की अंतिम तारीख 27 मई है। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के मन में सदा से किसानों के लिए गहरी सहानुभूति तथा चिंता रही है। वे नियमित रूप से देश के किसान समूहों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उनके संदेश के तहत आईफा की ओर से अपने सभी सहयोगी किसान संगठनों, कृषि विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसान समूहों से राय मशविरा करके देश की खेती-किसानी के समग्र विकास तथा किसान कल्याण के लिए ठोस एजेंडा तैयार कर जल्द ही सरकार को भेजा जाएगा। किसान संगठनों और कृषि विशेषज्ञों के सुझाव पर सरकार आगे की रणनीति तय करने वाली है। 

लॉकडाउन में दाल की जगह अब बंटेगा साबुत चना, मूंग व उड़द

वहीं, दूसरी ओर कोरोना की महामारी से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गरीबों की रसोई तक दाल पहुंचाने की मंशा फिलहाल पूरी नहीं हो सकी है। अप्रैल के बाद मई का एक सप्ताह बीत लेकिन अभी तक केवल एक चौथाई गरीबों तक ही मुफ्त दाल पहुंची है। जबकि अप्रैल, मई और जून में हर गरीब परिवार को एक किलो दाल बांटी जानी थी। लेकिन अपनी दाल पकाने के चक्कर में गरीबों तक दाल नहीं पहुंच पा रही है। अब खाद्य मंत्रालय के सख्त रुख के बाद दाल की जगह दलहन (साबुत) बांटी जाने लगी है। इससे हर गरीब तक समय से दाल पहुंचाना आसान हो सकता है।

दालों के वितरण में हो रही देरी को रोकने के लिए कई राज्यों में साबुत दलहन की आपूर्ति की जा रही है। इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल से हो चुकी है। अन्य राज्यों ने भी साबुत दालों की आपूर्ति का आग्रह किया है, जिससे मुश्किलें आसान हो सकती हैं। 


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