किसान आंदोलन: महाराष्ट्र के यवतमाल में राकेश टिकैत को आज रैली करने की नहीं मिली अनुमति
महाराष्ट्र के यवतमाल में किसान नेता राकेश टिकैत को शनिवार को रैली करने की अनुमति नहीं मिली है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस से खराब होते हालात को देखते हुए महापंचायत रैली की इजाजत नहीं दी है।
नागपुर, प्रेट्र। महाराष्ट्र के यवतमाल में किसान नेता राकेश टिकैत को शनिवार को रैली करने की अनुमति नहीं मिली है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस से खराब होते हालात को देखते हुए महापंचायत रैली की इजाजत नहीं दी है। अनुमति के लिए पहले भी आवेदन किया गया था, जिसे प्रशासन ने खारिज कर दिया था। टिकैत की रैली यहां आजाद मैदान में होनी थी।
संयुक्त किसान मोर्चा रैली आयोजित करने पर अडिग
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि वह रैली आयोजित करने पर अडिग है। संयुक्त किसान मोर्चा ही इस रैली का आयोजन कर रहा था। मोर्चा के महाराष्ट्र समन्वयक संदीप गिद्दे ने कहा था कि टिकैत शुक्रवार की रात को नागपुर पहुंच जाएंगे और अगर रैली की अनुमति नहीं दी जाती है तो वह धरने पर बैठेंगे।
टिकैत ने कहा- सरकार से लड़ाई में एक फसल की कुर्बानी
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रणनीतिक बैठक से पहले बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार से लड़ाई में एक फसल की कुर्बानी।
फसल का नहीं होने देंगे नुकसान
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि गांव के लोग कह रहे हैं कि आंदोलन चलेगा और जो मीडिया और सरकार कह रही है कि दो महीने में आंदोलन खत्म हो जाएगा, तो बता दें कि सरकार गलतफहमी में ना रहे. अगर फसल को आधी कीमत पर बेचने की जरूरत पड़ेगी, तो वो भी करेंगे और जरूरत पड़ी तो जलाएंगे भी। अगर जरूरत पड़ी तो हम मजदूरों से फसल कटवाएंगे और नुकसान में भी बेचेंगे। फसल और आंदोलन दोनों एक साथ होना एक बहुत बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि भीड़ भी कम ना हो, आंदोलन भी चले और फसल की कटाई भी साथ-साथ हो यह बड़ा चुनौती है।
इस तरह आएंगे किसान
किसान नेता ने कहा कि तैयारी की जा रही है कि आंदोलन चलता रहे और फसल को भी नुकसान न हो. हर जगह 20 से 25 दिनों का फसल का चक्र होता है। जिस जगह में फसल चक्र होगा, वहां के लोग नहीं आएंगे दूसरे जगह से लोग आएंगे. पहले मध्य प्रदेश के क्षेत्र किसान आएंगे। फिर सहारनपुर और अलीगढ़ की तरफ से किसान आएंगे। भौगोलिक हिसाब से हम आंदोलन तय करेंगे। एक फसल की कुर्बानी देने के लिए हम तैयार हैंसरकार अपने मन से गलतफहमी निकाल दे। आंदोलन तभी खत्म होगा, जब बिल वापसी होगी और एमएसपी लागू होगी।