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Farmers Protest: गृह मंत्री अमित शाह से किसान नेताओं की मुलाकात, ये 13 नेता ले रहे हैं हिस्सा

Farmer Protests पिछले की दिनों से राजधानी दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे 13 किसान नेता गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर रहे हैं। भारतीय किसान के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने उम्‍मीद जताई है कि इसका सकारात्‍मक परिणाम आ सकता है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 03:28 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 08:32 PM (IST)
गृह मंत्री अमित शाह की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली, एएनआइ। 13 किसान नेता गृह मंत्री अमित शाह से मिल रहे हैं। अमित शाह के साथ बैठक को लेकर किसान नेताओं ने साफ कहा है कि हमें कोई बीच का रास्ता नहीं चाहिए, हमें सिर्फ उनसे हां या ना में बात करनी है। जो 13 किसान नेता गृह मंत्री से मुलाकात कर रहे हैं, उनके नाम हैं- राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मुला, शिव कुमार कक्का जी, बलवीर सिंह राजेवाल, रुलदू सिंह मानसा, मंजीत सिंह राय, बूटा सिंह बुर्जगिल, हरिंदर सिंह लखोवाल, दर्शन पाल, कुलवंत सिंह संधू, बोध सिंह मानसा, जगजीत सिंह धल्लेवाल।

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गृह मंत्री को लेकर राकेश टिकैत ने बताया था कि हम उम्‍मीद करते हैं कि रास्‍ता निकलेगा।  हमारी मांगें वही हैं, इन्‍हें मानने के अलावा कोई रास्‍ता नहीं है। इससे पहले टिकैत ने बताया था कि आज शाम गृहमंत्री से मिलने वाले किसानों के 13-14 नेता जाएंगे। पिछले 13 दिनों से कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर दिल्‍ली की सीमाओं पर पंजाब और अन्य राज्यों के किसान डटे हुए हैं। केंद्र से लगातार तीन कृषि कानून वापस लेने की मांग की जा रही है।

गौरतलब है कि किसान संगठनों की ओर से आज सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद की अपील की गई थी। केंद्र से कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे पंजाब व हरियाणा के किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान किया था।आज भारत बंद के दौरान सड़क पर वाहन कम दिखे।  इस क्रम में कल यानि बुधवार को केंद्र के साथ किसानों की वार्ता भी होगी। इससे पहले केंद्र के साथ किसानों के बीच हुई पांच वार्ता असफल रही। 

उल्‍लेखनीय है कि आज हरियाणा के मुख्‍यमंत्री से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुलाकात की। भारत बंद के बीच आज कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधार कानूनों से किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी। विघटनकारी और अराजकतावादी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से बचें। MSP और मंडियां भी जारी रहेगी और किसान अपनी फसल अपनी मर्जी से कहीं भी बेच सकेंगे।


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