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पुलिस के लिए पहेली बनी फर्जी महिला आइपीएस, इस तरह से लोगों को ठगने का था मंसूबा

पुलिस द्वारा खरड़ से गिरफ्तार की गई फर्जी महिला आइपीएस अधिकारी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है। मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली इस युवती के बारे में पुलिस सही जानकारियां हासिल नहीं कर पाई है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 06:33 PM (IST)
पुलिस के लिए पहेली बनी फर्जी महिला आइपीएस, इस तरह से लोगों को ठगने का था मंसूबा
पुलिस के लिए पहेली बनी फर्जी महिला आइपीएस, इस तरह से लोगों को ठगने का था मंसूबा

जेएनएन, मोहाली। मंगलवार को पुलिस द्वारा खरड़ से गिरफ्तार की गई फर्जी महिला आइपीएस अधिकारी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है। मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली इस युवती के बारे में पुलिस सही जानकारियां हासिल नहीं कर पाई है। पूछताछ में उसने यह तो बताया कि उसका असल नाम तनिष्का सांगवान नहीं,बल्कि प्रीति है। परंतु वह दिल्ली में कहां की रहने वाली है इसके बारे में नहीं बताया। महिला अपने साथी के साथ 20 लाख रुपये में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने की कोशिश में थी। 

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अमृतसर पुलिस ने दी सुरक्षा और हूटर वाली गाड़ी 

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने युवती का रिमांड हासिल कर पूछताछ की। पूछताछ में उसने पंजाब पुलिस को कहानियों में उलझा दिया है। उसके खुलासे पुलिस को ही उलझाने वाले और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करने वाले हैं। युवती का दावा है कि उसने अमृतसर के डीएसपी व एसपी रैंक के अधिकारियों को फोनकर सिक्योरिटी व सरकारी गाड़ी मुहैया कराने की मांग की थी। इसके बाद उसे अमृतसर में हूटर वाली सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी भी मुहैया करवाई दी गई थी। वह 22 नवंबर को अमृतसर पहुंची थी और उसी दिन उसे वहां गाड़ी व सिक्योरिटी मुहैया कराई गई। इसके बाद दो दिन तक उसने उसी हूटर वाली गाड़ी में अमृतसर का दौरा भी किया। 

अमृतसर में मिली सुरक्षा के बाद उसके हौसले बुलंद हो गए थे,इसलिए उसे लगा कि वह खरड़ में भी इसका प्रभाव डाल लेगी। प्रीति ने यह भी बताया कि वह खरड़ के रहने वाले उसके साथी वरुण शर्मा से शादी करना चाहती थी,इसलिए यहां पर सिक्योरिटी व सरकारी गाड़ी लेकर वह उसके परिवार वालों को अपना ऊंचा रुतबा दिखाकर प्रभाव डालना चाहती थी। जिससे वरुण के परिवार वाले उनकी शादी के लिए राजी हो जाएं। मोहाली पुलिस ने इस जानकारी को पुख्ता करने के लिए अमृतसर पुलिस से संपर्क किया,लेकिन अमृतसर पुलिस का दावा है कि ऐसी किसी भी युवती को कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई। 

सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर लोगों को ठगने की थी योजना

पुलिस के अनुसार जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार युवती दिल्ली में जहां रहती है,उसके घर के ठीक सामने एक मेडिकल शॉप है। जहां वरुण शर्मा काम करता था और उसके साथ उसकी दोस्ती हो गई। वरुण ही उसे मोहाली लेकर आया था। पुलिस ने बताया कि सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी वे इसलिए लेना चाहते थे,क्योंकि दोनों यहां लोगों को 20-20 लाख रुपये में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी मारने वाले थे और सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी से वह लोगों को प्रभावित करना चाहते थे। इससे पहले उसने खरड़ में चार लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए झांसे में ले लिया था,लेकिन अभी तक उसने उनसे पैसों का लेन-देन नहीं किया था। पुलिस का कहना है कि फिलहाल ठगी का ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।  

संदेह के बाद दोनों को किया गया था गिरफ्तार   

युवती ने फर्जी आइपीएस अधिकारी बनकर मोहाली के डीएसपी व एसपी रैंक के अधिकारी को फोन कर सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी की मांग की थी। उसने मोहाली के डीएसपी व एसपी रैंक के अधिकारियों को फोन किया और कहा कि वह (एजीएमयूटी कैडर 2015 बैच) की आइपीएस है और केंद्र सरकार के नार्कोटिक्स विभाग में तैनात है। वह मोहाली में ड्रग माफिया की ग्राउंड लेवल पर इंस्पेक्शन करने के लिए आई है और उसे सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी मुहैया करवाई जाए।

पुलिस को महिला की बातों पर संदेह हुआ और उन्होंने सीनियर अधिकारी से इस संबंधी बात की। बाद में उसे ट्रैप लगाकर पकड़ा गया और नार्कोटिक्स विभाग के दस्तावेज चेक करवाने को कहा, परंतु जब वह दस्तावेज पेश नहीं कर पाई तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके और खरड़ में रहने वाले उसके साथी वरुण शर्मा (28) के खिलाफ धारा 419, 420 व 170 के तहत खरड़ सिटी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया। गिरफ्तार महिला ने अपनी पहचान तनिष्का सांगवान (28) निवासी दिल्ली के रूप में बताई थी। 

एसएचओ भगवंत सिंह रियाड ने कहा कि उनके द्वारा अमृतसर पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी है, ताकि पता लगाया जा सके कि वहां मिली सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी की हकीकत क्या है। पूछताछ जारी है और जल्द ही मामले की सारी गुत्थी को सुलझा लिया जाएगा। उधर, जिला अमृतसर के सिक्योरिटी इंचार्ज सुशील कुमार ने बताया कि 22 नवंबर को किसी महिला अधिकारी को पायलट मुहैया नहीं करवाई गई। 


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