फर्जी मुकदमा दर्ज कराने से दुखी छात्र ने मांगी इच्छा मृत्यु
डीएवी कालेज के एक छात्र ने फर्जी नामजदगी से क्षुब्ध होकर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है। छात्र का आरोप है कि कालेज प्रशासन ने परिसर में हुई फायरिंग की वारदात में उस पर फर्जी मुकदमा किया और उसे कालेज से निष्कासित कर दिया। वह इस मामले में जेल भी जा चुका है।
मुजफ्फरनगर। डीएवी कालेज के एक छात्र ने फर्जी नामजदगी से क्षुब्ध होकर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है। छात्र का आरोप है कि कालेज प्रशासन ने परिसर में हुई फायरिंग की वारदात में उस पर फर्जी मुकदमा किया और उसे कालेज से निष्कासित कर दिया। वह इस मामले में जेल भी जा चुका है।
पीनना निवासी सुमित मलिक डीएवी कालेज में एमए का छात्र है। आरोप है कि वर्ष 2010 में कालेज प्रशासन ने उसके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया था और उसे निष्कासित कर दिया। उसने अपने आपको निर्दोष बताते हुए आलाधिकारियों से कार्रवाई की गुहार लगाई। तत्कालीन एसएसपी प्रवीण कुमार ने उसे मुकदमा खत्म करने का आश्वासन दिया। डीएम सुरेंद्र सिंह ने उसका दोबारा कालेज में एडमिशन कराया। तब जाकर उसने कालेज में परीक्षा दी। छात्र का आरोप है कि दो माह पूर्व विवेचक ने उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। इसके चलते उसे जेल भी जाना पड़ा। सुमित का कहना है कि कोर्ट कचहरी के चक्कर में उसका भविष्य बरबाद हो रहा है। वह जीना नहीं चाहता। सुमित ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। इसके अलावा सुमित ने पूरे मामले की जांच सीबीसीआइडी से कराने की मांग की है।
सीओ सिटी संजीव बाजपेयी का कहना है कि मामला अदालत में है, ऐसे में कोई टिप्पणी करना कोई उचित नहीं है।
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