Move to Jagran APP

अर्ध सैनिक बलों और पूर्व सैनिकों के लिए फेसबुक प्रतिबंधित करने का गृह मंत्रालय ने नहीं दिया आदेश

गृह मंत्रालय ने न्यूज एजेंसी ANI की उस खबर को गलत बताया है जिसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए फेसबुक प्रतिबंधित करने का दावा किया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 06:15 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:15 AM (IST)
अर्ध सैनिक बलों और पूर्व सैनिकों के लिए फेसबुक प्रतिबंधित करने का गृह मंत्रालय ने नहीं दिया आदेश
अर्ध सैनिक बलों और पूर्व सैनिकों के लिए फेसबुक प्रतिबंधित करने का गृह मंत्रालय ने नहीं दिया आदेश

नई दिल्ली, एएनआइ/जेएनएन। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों और पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए फेसबुक प्रतिबंधित किए जाने की खबर को गलत बताया है। गृह मंत्रालय के अनुसार ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। मालूम हो कि न्यूज एजेंसी ANI ने बुधवार को एक खबर जारी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ, आइटीबीपी, बीएसएफ, सीआइएसएफ और एनएसजी को पत्र लिखकर अपने कार्मिकों के लिए फेसबुक प्रतिबंधित करने को कहा है।

loksabha election banner

एजेंसी ने ये भी दावा किया था कि अर्धसैनिक बलों के साथ ही पूर्व सैनिकों को भी फेसबुक का इस्तेमाल बंद करने को कहा गया है। एजेंसी ने दावा किया था कि गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी की ओर से अर्ध सैनिक बलों के लिए विदेशी एप का इस्तेमाल बंद करने का आदेश 9 जुलाई को ईमेल के जरिये जारी किया गया था। इसी आधार पर मंत्रालय ने सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को फेसबुक का इस्तेमाल बंद करने का आदेश जारी किया था। 

इस संबंध में दैनिक जागरण को दी गई जानकारी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इंकार किया है। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उनकी तरफ से फेसबुक का इस्तेमाल बंद करने संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

सोशल मीडिया से इतना प्यार है तो सेना से इस्तीफा दें : हाई कोर्ट

उधर 87 सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भारतीय सेना के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल प्रतिबंधित किए जाने की नीति को चुनौती देने वाले जम्मू-कश्मीर में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल पीके चौधरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने कहा कि अगर फेसबुक से इतना ही प्यार है तो वह सेना से इस्तीफा दे दें। पीठ ने कहा कि जब मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हो तब ऐसी याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं बनता।

पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि प्रतिबंध की नीति के तहत वह अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट करें। पीठ ने कहा कि वह दोबारा अपना फेसबुक अकाउंट बना सकते हैं। याचिका में मिलिट्री इंटेलिजेंस महानिदेशक के अलावा सेना प्रमुख को भी पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि सोशल मीडिया को प्रतिबंधित करना स्पष्ट रूप से व्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.