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पूर्वी लद्दाख पर निगाहें, IAF अब मर्जी के मुताबिक कर सकेगा राफेल का इस्तेमाल, दूर तक लगेगा निशाना

2021 गणतंत्र दिवस के बाद तीन राफेल विमानों का अगले बैच आने की उम्मीद है ऐसी योजनाएं हैं कि एयरबेस 330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकरों का उपयोग करके भारत के करीबी सहयोगी संयुक्त अरब अमीरात वायु सेना द्वारा विमान को मध्य हवा में फिर से ईंधन दिया जाएगा।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 12:29 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 12:29 PM (IST)
पूर्वी लद्दाख पर निगाहें, IAF अब मर्जी के मुताबिक कर सकेगा राफेल का इस्तेमाल, दूर तक लगेगा निशाना
पूर्वी लद्दाख पर निगाहें, IAF अब मर्जी के मुताबिक कर सकेगा राफेल का इस्तेमाल, दूर तक लगेगा निशाना

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत लगातार अपने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने में लगा है। फ्रांस से भारत आ रहे राफेल लड़ाकू विमानों की खेप मिलने के बाद वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। वहीं, HAMMER मिसाइल सिस्‍टम इसे और मजबूती प्रदान करेगा। हैमर मिसाइल का इस्तेमाल राफेल विमान में किया जाएगा, जिसका फ्लाइट टेस्‍ट हो चुका है। यह GPS के बगैर भी अपने टारगेट को ढूंढकर खत्‍म कर सकता है। वहीं, पश्चिमी और पूर्वी दोनों मोर्चों पर दुश्मनों का सामना कर रही भारतीय वायु सेना (IAF) को फ्रांसीसी निर्माता कंपनी का साथ मिला है, जो राफेल फाइटर जेट की SCALP लंबी दूरी की हवा से संचालित क्रूज मिसाइल के सॉफ्टवेयर को फिर से जांचेगी। इससे सुनिश्चित हो सकेगा कि सबसोनिक हथियार हिट समुद्र तल से 4,000 मीटर की ऊंचाई तक लक्षित हो रहे हैं या नहीं। 

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अभी 300 किलोमीटर से अधिक और 450 किलोग्राम के वारहेड वाली सबसोनिक मिसाइल भारतीय वायुसेना के राफेल ओमनी-भूमिका सेनानी पर हथियार सूट का हिस्सा है। सरल शब्दों में कहे तो इसका मतलब है कि भारतीय वायुसेना का राफेल 2,000 मीटर के पिछले अंशांकन के बजाय 4,000 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ों और उच्च पठारों में स्थित लक्ष्यों को ध्वस्त कर सकता है। सॉफ्टवेयर का ट्वीकिंग मिसाइल निर्माता MBDA द्वारा IAF के शीर्ष ब्रास के परामर्श से किया गया है।

वहीं, 2021 गणतंत्र दिवस के बाद तीन राफेल विमानों का अगले बैच आने की उम्मीद है, ऐसी योजनाएं हैं कि एयरबेस 330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकरों का उपयोग करके भारत के करीबी सहयोगी संयुक्त अरब अमीरात वायु सेना द्वारा विमान को मध्य हवा में फिर से ईंधन दिया जाएगा। यह अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे। अब तक, फ्रांस में वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए सात राफेल का उपयोग किया जा रहा है। 36 विमानों का पूरा बेड़ा 2021 के अंत तक भारत पहुंचने वाला है। इस शक्तिशाली लड़ाकू विमान में से एक स्क्वाड्रन अंबाला में स्थित होगा, दूसरा हसीमारा एयरबेस पर, जो सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर स्थित है।

राफेल 100 किलोमीटर से अधिक की क्षमता वाली शक्तिशाली एससीएएलपी या तूफान छाया क्रूज मिसाइल और हैमर सटीक-निर्देशित गोला-बारूद को साथ ले जाने में सक्षम है। SCALP मिसाइल का उपयोग कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, एयर बेस, पोर्ट, पावर स्टेशन, गोला बारूद स्टोरेज डिपो, सरफेस शिप, सबमरीन और अन्य रणनीतिक हाई-वैल्यू टारगेट को टारगेट करने के लिए किया जाता है। हालांकि, चीन और पाकिस्तान दोनों ने ही हवाई-लॉन्च की गई क्रूज मिसाइलें विकसित की हैं, SCALP एक अनूठा हथियार है, जिसमें अग्नि-विस्मृत तंत्र है।


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