Eye Health: आइए जानें एलर्जी के मौसम में आंखों से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में
Eye Health जब भी देखने में धुंधला महसूस हो तो नेत्र रोग विशेषज्ञ से आंखों की जांच कराएं। अगर मोतियाबिंद है और डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं तो इसे समय रहते करवा लें।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Eye Health: आंखों की परेशानी को समय रहते दूर करने से इन्हें स्वस्थ रखा जा सकता है। अक्सर लोगों को आंखों में खुजली होती है या उनकी दृष्टि क्षीण होने लगती है तो वे इसे मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं या फिर किसी के कहने पर आंखों में दवाई डाल लेते हैं। इस तरह की छोटी-छोटी परेशानियों पर ध्यान न देने से आगे चलकर ये समस्याएं गंभीर हो जाती हैं। कुछ ऐसा ही हाल बुजुर्गों का होता है। वे आंखों की सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जिससे समस्या गंभीर हो जाती है। आइए जानते हैं आंखों से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में।
एलर्जी का मौसम
- बाहर निकलें तो अच्छी गुणवत्ता वाले चश्मे पहनें।
- आंखों में एलर्जी किसी भी मौसम में हो सकती है। एलर्जी होने पर अक्सर आंखों में खुजली होती है। इसलिए थोड़ी सावधानी बरतें।
- आंखों में खुजली होने पर जाड़े के दिनों में सादे पानी से और गर्मी के मौसम में ठंडे पानी से सिकाई करें। अगर राहत न मिले तो किसी नेत्र चिकित्सक से तुरंत परामर्श लें।
सर्जरी का समय
अनेक लोग मोतियाबिंद की सर्जरी गर्मियों में कराना पसंद नहीं करते। उन्हें लगता है कि गर्मियों में इंफेक्शन हो सकता है, लेकिन ये लोगों की भ्रांति है। अब विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है कि सर्जरी में कोई बैंडेज या इंजेक्शन की जरूरत ही नहीं होती। इसलिए सर्जरी किसी भी मौसम में कराई जा सकती है और यह सर्जरी पूरी तरह से सुरक्षित होती है।
मोतियाबिंद की समस्या
अधिकतर मामलों में मोतियाबिंद (कैटरेक्ट) बड़ी उम्र के लोगों में ज्यादा पाया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जीवनशैली में बदलाव के चलते मोतियाबिंद की समस्या युवाओं में भी दिखने लगी है। इसलिए अगर आंखों में समस्या हो तो शीघ्र ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
क्या करें
जब भी देखने में धुंधला महसूस हो तो नेत्र रोग विशेषज्ञ से आंखों की जांच कराएं। अगर मोतियाबिंद है और डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं तो इसे समय रहते करवा लें। हालांकि यह कोई इमरजेंसी सर्जरी नहीं है, पर देरी करने से कोई फायदा नहीं। समय परसर्जरी कराने से आंखों की रोशनी की गुणवत्ता बनी रहती है और इससे जीवन बेहतर होता है।
[डॉ. इकेदा लाल नेत्ररोग विशेषज्ञ, सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली]