ISI को खुफिया जानकारी देती थी पूर्व राजनयिक माधुरी गुप्ता, दोषी करार
पूर्व राजनयिक माधुरी गुप्ता को पाकिस्तान में नियुक्ति के दौरान ISI को भारत की खुफिया जानकारियां देने का दोषी करार दिया गया है।
नई दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व राजनयिक माधुरी गुप्ता को दोषी करार दिया गया है। वर्ष 2010 में इस्लामाबाद में नियुक्ति के दौरान माधुरी गुप्ता ने यह अपराध किया था। सजा को लेकर कोर्ट में शनिवार को फैसला होना है।
विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार
एडिशनल सेशन जज सिद्धार्थ शर्मा की बेंच ने 61 वर्षीय माधुरी गुप्ता को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया है। माधुरी पर विश्वास को ठेस पहुंचाने, आपराधिक साजिश और इस अधिनियम के कई प्रावधानों के तहत आरोप तय किए गए हैं। माधुरी गुप्ता को सरकारी गोपनीयता अधिनियम की धारा तीन और पांच के तहत दोषी ठहराया गया है। इसमें अधिकतम तीन साल की सज़ा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। उनपर यह मुकदमा 22 मार्च, 2012 से शुरू हुआ था।
2010 में दाखिल की गयी थी चार्जशीट
जुलाई, 2010 में माधुरी के खिलाफ दायर चार्जशीट में कहा गया था कि माधुरी अपने इस्लामाबाद स्थित आवास पर लगे कंप्यूटर व ब्लैकबेरी फोन से यह गोपनीय जानकारियां आइएसआइ को भेजती थीं। माधुरी गुप्ता पर फोन पर इमेल के जरिए आइएसआइ के दो अधिकारियों मुबशर राजा राणा और जमशेद के संपर्क में रहने का आरोप था। चार्जशीट में जमशेद के साथ माधुरी के अफेयर होने की भी बात कही गयी है।
22 अप्रैल 2010 को हुई थी गिरफ्तारी
22 अप्रैल 2010 को गिरफ्तारी के वक्त माधुरी इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में द्वितीय सचिव (प्रेस और सूचना) के पद पर नियुक्त थीं। तभी उनपर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भारत की गुप्त जानकारियां देने का आरोप लगाया गया था। इसके तुरंत बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। ट्रायल के दौरान, माधुरी गुप्ता ने दावा किया था कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग व विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें फंसाया है जिनके साथ उनके तनावपूर्ण संबंध थे।