हर किसी को हैरत में डाल गया हिमांशु जैसे तेज-तर्रार अफसर का यूं चले जाना
हिमांशु रॉय, एक बेहद जाना-पहचाना नाम जो अब हमारे बीच नहीं है। उनका जाना हर किसी को हैरत में डाल गया। उनकी यह खासियत थी कि जिसने उन्हें एक नजर देखा वह उनका कायल हो गया।
नई दिल्ली स्पेशल डेस्क। हिमांशु रॉय, एक बेहद जाना-पहचाना नाम जो अब हमारे बीच नहीं है। उनका जाना हर किसी को हैरत में डाल गया। उनकी यह खासियत थी कि जिसने उन्हें एक नजर देखा वह उनका कायल हो गया। उनकी बेहद फिट बॉडी, एक दमदार पर्सनेलिटी उनके हर जिंदादिल होने का अहसास कराती थी। लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपनी जीवन लीला का समाप्त किया उससे हर किसी के जहन में एक सवाल उठा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। इसके अलावा हर कोई इस बात से भी हैरान था कि एक ऐसा इंसान जो दूसरों के लिए प्रेरणा हो, वो इतना कमजोर कैसे हो सकता है। बहरहाल, इसका जवाब फिलहाल हमारे पास भी नहीं है।
तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी
हिमांशु रॉय महाराष्ट्र पुलिस के बेहद तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी के तौर पर पहचाने जाते थे। उनके हाथों कई बड़े मामले आए जिन्हें उन्होंने मुकाम तक पहुंचाया। शायद यही वजह थी कि उन्हें मुंबई का सुपरकॉप कहा गया। वह 1988 बैच के आइपीएस थे। जानकारी के मुताबिक उन्होंने शुक्रवार दोपहर अपने घर पर तकरीबन 1.30 बजे सर्विस रिवॉल्वर से मुंह में गोली मार कर आत्महत्या कर ली। हालांकि परिजन उन्हें तत्काल बांबे अस्पताल ले गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। रॉय ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि अवसाद के चलते ही वह अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं। उनके परिवार में मां और पत्नी हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। रॉय हड्डियों के कैंसर से पीड़ित थे और 2016 से छुट्टी पर चल रहे थे। महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने रॉय की मौत पर दुख प्रकट किया है और उन्हें समर्पित पुलिस अधिकारी बताया है।
निभांई कई अहम जिम्मेदारियां
23 जून, 1963 को मुंबई में ही जन्मे एवं पले-बढ़े रॉय की गिनती तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में होती थी। रॉय मुंबई पुलिस में संयुक्त आयुक्त (अपराध शाखा) एवं आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके थे। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच की गई। मुंबई पुलिस में साइबर क्राइम विभाग की स्थापना भी उन्होंने ही तत्कालीन पुलिस आयुक्त डी शिवनंदन के सुझाव पर की थी।
हर किसी को हैरत
आइपीएस एसोसिएशन ने अपने तेजतर्रार साथी और महाराष्ट्र पुलिस में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (स्थापना) के पद पर कार्यरत रहे रॉय के निधन पर गहरा दुख जाहिर किया है। उनके अधिकारी रह चुके मुंबई के कई पूर्व पुलिस आयुक्तों ने भी उन्हें याद करते हुए उनकी आत्महत्या पर अचरज व्यक्त किया है। इसके अलावा पुणे की पुलिस कमिश्नर ने भी ट्वीट कर उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस समेत मुंबई के पूर्व कमिश्नर और केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है।
जब दर्द किया साझा
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक के अनुसार, तीन माह पहले ही बातचीत में हिमांशु रॉय ने खुद की बीमारी का जिक्र करते हुए इसके कारण बहुत तकलीफ होने की बात कही थी। उन्होंने पटनायक से किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की भी जानकारी मांगी थी। रॉय को दक्षिण मुंबई के पुलिस उपायुक्त की जिम्मेदारी सौंपने वाले पूर्व पुलिस आयुक्त एमएन सिंह ने कहा, पुलिस विभाग में अक्सर अफसरों को अनवरत काम करना पड़ता है। इसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है। डी शिवनंदन ने भी रॉय की आत्महत्या पर आश्चर्य व्यक्त किया है।
ट्विटर पर छाए रहे हिमांशु रॉय
डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने लिखा कि वह गुयाना के दौरे पर हैं। यहां पर उन्हें हिमांशु रॉय की मौत की खबर मिली जिस पर विश्वास कर पाना मुश्किल है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे। मेरी पूरी संवेदना उनके परिवार के साथ हैं।
कुमार विश्वास ने लिखा कि हिमांशु रॉय का यूं जाना सभी के लिए बेहद बुरा है। उनका हर जगह ट्रैक रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है।
राजदीप सरदेसाई ने लिखा है कि एक पुलिस अधिकारी एक दोस्त के रूप में वह हिमांशु रॉय को मिस करेंगे।
रेणुका शहाने ने लिखा है कि वह हिमांशु रॉय के यू चले जाने से काफी हैरत में हैं। उन्होंने हिमांशु रॉय के न भुला पाने वाली सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है।
मिलिंद देवड़ा ने लिखा है हिमांशु रॉय का यूं चले जाना हैरत में डालता है। उनकी फिट बॉडी की वजह से मैं उन्हें मजाक में हरक्यूलस रॉय कहता था। कुछ समय पहले ही मैंने उनकी सेहत की जानकारी ली थी। वह काफी काबिल पुलिस अधिकारी थे। वह काफी याद आएंगे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
प्रिया दत्त ने लिखा कि हिमांशु रॉय की मौत की खबर सुनकर उन्हें गहरा धक्का लगा। उनके द्वारा उठाए गए इस कदम पर विश्वास करना मुश्किल है। वह बेहद जिंदादिल इंसान थे। मेरी सांत्वना उनके परिवार के साथ है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
रितेश देशमुख ने लिखा कि हिमांशु रॉय नहीं रहे। यह बेहद हैरत में डालने वाली खबर थी। मेरी सांत्वना उनके परिवार के साथ है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
आदित्य ठाकरे ने लिखा कि हिमांशु रॉय का यूं जाना सिर्फ उनके प्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है।
नील नितिन मुकेश ने लिखा कि पूर्व एटीएस चीफ हिमांशु रॉय की मौत की खबर मेरे लिए बेहद दुखभरी थी। मैं उन्हें बचपन से जानता था। वह हमारे परिवार के काफी करीब थे। वह काफी बहादुर इंसान थे। मेरी सांत्वना उनके परिवार के साथ है।
गौतम सिंघानिया ने लिखा हिमांशु का यूं जाना बेहद दुखभरा है। भगवान उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।
आकाश बेनर्जी ने लिखा कि हिमांशु की खबर ने उन्हें बेहद दुखी कर दिया है। आज तक उनसे हुई पहली मुलाकात नहीं भूला हूं जो मुंबई हमले के बाद रिर्पोटिंग के दौरान हुई थी। आज भी उनका दमदार तरीके से हाथ मिलाना और बात करना याद है। वह वास्तव में सुपरकॉप ही थे।
सोनम महाजन ने ट्विटर पर लिखा कि उन लोगों को शर्म आनी चाहिए जो हिमांशु रॉय को इस तरह से अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए कोस रहे हैं। वह जानती हैं कि उन्होंने क्या दर्द सहा होगा। उनकी सांत्वना उनके परिवार के साथ हैं।
आदित्य रॉय कॉल का कहना था कि वह इस खबर को सुनकर बेहद आश्चर्य हुआ कि हिमांशु रॉय ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस खबर से हर तरफ दुख की लहर दौड़ गई। वह बेहद जांबाज और चर्चित पुलिस अधिकारी थे। वह अपने काम के प्रति बेहद समर्पित थे।
इन जांच से जुड़े थे रॉय
- 2013 के आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच का श्रेय हिमांशु रॉय को ही जाता है। इसी मामले में उन्होंने चेन्नई सुपरकिंग के मालिक एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मय्यपन के साथ-साथ बिंदू दारासिंह एवं क्रिकेटर श्रीसंत को गिरफ्तार किया था।
- रॉय 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले की जांच टीम का भी हिस्सा रहे। इसी मामले से जुड़े लश्कर आतंकी डेविड हेडली द्वारा मुंबई के विभिन्न स्थानों की रेकी करने का पता रॉय की जांच में ही चला था।
- मुंबई में वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे (जेडे)की हत्या की जांच भी रॉय के नेतृत्व में ही हुई थी। हाल ही में इस मामले का फैसला आ चुका है, जिसमें छोटा राजन सहित नौ को आजीवन कारावास की सजा हुई है।
- बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान एवं कानून स्नातक पल्लवी पुरकायस्थ की हत्या की जांच भी रॉय की टीम ने ही की थी।
- 11 जुलाई, 2006 को उपनगरीय ट्रेन में हुए धमाकों की जांच में रॉय शामिल रहे थे। इन धमाकों में 209 लोग मारे गए थे और 700 घायल हुए थे।
भयानक! भारत में हर साल प्रदूषण से होती है 24 लाख लोगों की मौत
साफ सुनाई दे रही है मानवीय जीवन पर संकट की आहट, क्या आपने सुनी!
देश में रोजगार सृजन के लिहाज से भी काफी अहम होगा वालमार्ट फ्लिपकार्ट सौदा