हर सुबह 8.59 पर गूंज उठता है राष्ट्रगान, तो पूरा गांव हो जाता है सावधान
गांव में नियमपूर्वक सुबह 859 पर राष्ट्रगान गूंज उठता है। अलग-अलग जगहों पर करीब 20 लाउडस्पीकर लगे हुए हैं। पूर्व सूचना देकर लोगों को सचेत कर दिया जाता है।
रायपुर [दीपक अवस्थी]। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के गांव श्याम नगर से राष्ट्रप्रेम की अनूठी तस्वीर सामने आई है। गांव में नियमपूर्वक सुबह 8.59 पर राष्ट्रगान गूंज उठता है। अलग-अलग जगहों पर करीब 20 लाउडस्पीकर लगे हुए हैं। पूर्व सूचना देकर लोगों को सचेत कर दिया जाता है।
फिर बच्चे-बूढ़े और जवान, जो जहां है, वहीं सावधान की मुद्रा में खड़े होकर समर्पित भाव से राष्ट्रगान करता है। गांव ही नहीं, दूर-दूर, जहां तक आवाज जा रही होती है, सुनने वाला हर व्यक्ति राष्ट्रगान के सम्मान में सावधान की मुद्रा ले लेता है। अब तो लोगों की आदत हो गई है।
वे सभी काम निपटाकर राष्ट्रगान के बजने की प्रतीक्षा करते हैं। बावजूद इसके, सड़क पर चल रहे राहगीर हों या रसोई में खाना बना रही गृहणी या फिर खेत में काम कर रहे लोग हों, राष्ट्रगान का प्रसारण किए जाने की सूचना का उद्घोष होते ही सभी अपने-अपने काम छोड़ सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाते हैं।
फिर पूरे 52 सेकेंड, जब तक राष्ट्रगान बजता है, हर सिर, हर सीना देश के प्रति गर्व भरे सम्मान से तना रहता है। राज्य की राजधानी रायपुर से महज 60 किलोमीटर दूर स्थित है श्याम नगर गांव। लोगों ने आपस में चंदा कर जगह-जगह 20 लाउडस्पीकर लगाए हैं।
गांव के मुख्य स्थानों पर, चौक-चौराहों पर, समीपस्थ खेतों की ओर, हर जगह लाउडस्पीकर लगे हुए हैं ताकि आवाज चारों ओर जाए। कंट्रोल रूम है पंचायत भवन। सबसे पहले यहां से राष्ट्रगान बजाए जाने की सूचना प्रसारित की जाती है।
अपील होती है कि कृपया जो जहां है, वहीं सावधान की मुद्रा में खड़ा हो जाए। इसके बाद फिजाओं में गूंज उठता है जन-गण-मन...। क्या घर, क्या दुकान, क्या सड़क, क्या खेत, क्या स्कूल, पंचायत भवन परिसर या गली-चौराहे... जो जहां है, वहीं खड़ा हो जाता है। हाल यह कि संयोगन अगर चूल्हे पर दाल या दूध चढ़ा है, तो भी गृहणियां उसे छोड़कर सावधान की मुद्रा में खड़ी हो जाती हैं।