ईडी ने गोमती नदी फ्रंट परियोजना में गड़बड़ी को लेकर दर्ज किया मामला
योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार ने गोमती नदी फ्रंट के सौंदर्यीकरण परियोजना की जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की।
नई दिल्ली, पीटीआइ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1500 करोड़ रुपये के गोमती नदी फ्रंट विकास परियोजना में अनियमितता को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले वर्ष दिसंबर में सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
ईडी इस बात की जांच करेगा कि इस मामले में अवैध धन को सफेद बनाकर आरोपियों ने गैरकानूनी संपत्ति बनाई है या नहीं। शीघ्र ही एजेंसी शिकायत में नामजद लोगों को समन जारी करेगी। आरोपितों में राज्य सरकार के आठ इंजीनियर शामिल हैं।
योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार ने गोमती नदी फ्रंट के सौंदर्यीकरण परियोजना की जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की। यह परियोजना पूर्व की समाजवादी पार्टी सरकार के समय शुरू की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सिंचाई विभाग द्वारा गोमती नदी चैनलाइजेशन परियोजना और गोमती नदी फ्रंट विकास को लागू करने में अनियमितता की जांच करने के लिए कहा है।
सीबीआइ ने तत्कालीन मुख्य अभियंताओं गुलेश चंद्र, एसएन शर्मा, काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंताओं मंगल यादव, अखिल रमण, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव और कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र यादव के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है। इनमें से गुलेश चंद्र, मंगल यादव, अखिल रमण और रूप सिंह यादव सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। समिति ने 16 मई 2017 को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में परियोजना में प्रथम दृष्टया अनियमितता होने का संकेत दिया था।