भगोड़े कारोबारी विजय माल्या से जुड़ी फर्जी फर्म सामने आई, करीबी के यहां ईडी की छापेमारी
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के करीबी वी शशिकांत के यहां सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्जी कंपनी बनाकर बैंक से कर्ज लेने के गठजोड़ का रहस्योद्घाटन किया है। इस गठजोड़ के शराब कारोबारी विजय माल्या से संबंध होने के संकेत मिल रहे हैं। इसके चलते माल्या के खास लोगों के यहां छापे की कार्रवाई शुरू हो गई है। माल्या ने ईडी की इसी कार्रवाई के प्रति सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में विरोध जताया है। शीर्ष न्यायालय माल्या की अर्जी पर दो अगस्त को सुनवाई करेगी। माल्या इस समय बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये लेकर लंदन में छिपा हुआ है।
ईडी ने पिछले हफ्ते नए आर्थिक अपराध कानून (एफईओ) के तहत बेंगलुरु में वी शशिकांत और उनके परिजनों के ठिकानों पर पहली बार छापेमारी की। एजेंसी को शशिकांत के खिलाफ धन के फर्जी लेनदेन के सुबूत मिले हैं। पता चला है कि शशिकांत विजय माल्या का नजदीकी है। वह फरवरी 2017 तक माल्या समूह की कंपनी में अधिकारी था। उसने माल्या के कार्यकारी सहायक के रूप में नौ साल तक काम किया।
इस दौरान शशिकांत माल्या की कंपनी यूनाइटेड बे्रवरीज होल्डिंग लिमिटेड (यूबीएचएल) का प्रबंध निदेशक भी था। ईडी ने शशिकांत के वे सारे दस्तावेज, ईमेल, वाट्स चैट इत्यादि जब्त किए हैं जिनमें उसने विजय माल्या से बात की या संदेशों का आदान-प्रदान किया। यूबीएचएल के पास यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड के 10.72 प्रतिशत शेयर हैं। यूनाइटेड ब्रेवरीज किंगफिशर ब्रांड की बियर और जूते निर्यात करती है।
जांच में पाया गया कि शशिकांत ने यूनाइटेड ब्रांडिंग वर्ल्डवाइड (यूबीडब्ल्यू) नाम की भी एक कंपनी बना रखी थी। इसका रजिस्ट्रेशन लावेल रोड, बेंगलुरु के पते पर कराया गया था। इस कंपनी में शशिकांत की पत्नी जयंती और बेटी अर्चिता को हिस्सेदार बनाया गया था। यूबीडब्ल्यू कंपनी यूबीएचएल की ओर से किंगफिशर ब्रांड की बियर और जूते निर्यात करने की जिम्मेदारी संभाल रही थी।
इस कंपनी का टर्नओवर 220 करोड़ रुपये सालाना तक था। ईडी की जांच में पता चला है कि यूबीडब्ल्यू का 60 प्रतिशत निर्यात दुबई की कंपनी टैमी इंटरनेशनल को किया जा रहा था, जो कई देशों में किंगफिशर बियर का निर्यात करती है। जांच में पता चला कि दुबई की कंपनी में अधिकांश शेयर शशिकांत की बेटी है। इसी के चलते ईडी को शक पैदा हुआ कि दुबई में फर्जी कंपनी बनाकर धन को घुमाया जा रहा था और वह अंतत: विजय माल्या के पास पहुंच रहा था।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप