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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED के हिरासत में भेजे गए साई चंद्रशेखर

Money Laundering Case सात दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में साई चंद्रशेखर को भेज दिया गया है जहां निदेशालय की ओर से मामले में गहन पूछताछ की जाएगी। यह निर्णय नई दिल्ली की एक अदालत ने लिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 12:43 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 12:43 PM (IST)
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED के हिरासत में साई चंद्रशेखर

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रर्वतन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) ने शनिवार को साई चंद्रशेखर (Sai Chandrasekhar) को मनी लॉन्ड्रिंग (Prevention of Money Laundering Act ) मामले में गिरफ्तार कर लिया है। नई दिल्ली स्थित साकेत जिला सेशंस कोर्ट (Sessions Court) में पेशी होने के बाद आरोपी को ED के हिरासत में सात दिनों के लिए भेज दिया गया। इस दौरान प्रर्वतन निदेशालय चंद्रशेखर से पूछताछ करेगी। यह मामला विदेशी कंपनी के साथ 750 करोड़ रुपये की ठगी का है। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि इसने चंद्रशेखर की बेंगलुर और मुंबई की संपत्ति के साथ 7 करोड़ के बैंक बैलेंस को अटैच कर लिया है।

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प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली से कंपनी के पूर्व कर्मचारी साई चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, नीदरलैंड की फूड कंपनी हसद नीदरलैंड्स बीवी (Hassad Netherlands B V) ने दिल्ली पुलिस के पास वीरकरण अवस्थी, विनोद सिरोही, KPMG India Private Limited और अन्य आरोपियों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कराया।

इसमें आरोप लगाया गया कि वीरकरण अवस्थी और रितिका अवस्थी ने खुद को Bush Foods Overseas Private Limited का निदेशक बताकर संपर्क साधा था और कंपनी को करोड़ों रुपये के टर्नओवर का विश्वास दिलाया। वहीं रितिका अवस्थी ने बताया कि 714 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए उसे 750 करोड़ रुपये की जरूरत है। उसने ऑफर दिया कि यदि Hassad कंपनी उन्हें बैंक से 750 करोड़ रुपये की कॉरपोरेट गारंटी दिलवा दे तो वह अपनी कंपनी में उसे हिस्सेदारी दे देगा।

रितिका अवस्थी का भरोसा कर Hassad Netherlands B V ने अपने अधिकारी साई चंद्रशेखर को Bush Foods Overseas Private Limited का आर्थिक रिकॉर्ड चेक करने के लिए भेज दिया। इसके बाद चंद्रशेखर ने रितिका अवस्थी के साथ मिलकर फर्जी रिपोर्ट बना कंपनी को सौंप दिया। इसके बाद Hassad कंपनी ने अवस्थी को 750 करोड़ रुपये दिलवा दिए। रकम लेकर रितिका अपने पार्टनर के साथ फरार हो गई। 


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