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पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह के नीचे मीथेन का अपार भंडार, ऊर्जा का स्रोत बन सकती है अजैविक मीथेन

पृथ्वी के भीतर पेट्रोलियम उत्पाद कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे हाइड्रोकार्बन ईंधनों का भंडार हैं। मीथेन रंगहीन तथा गंधहीन गैस है जो प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 11:38 AM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 11:38 AM (IST)
पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह के नीचे मीथेन का अपार भंडार, ऊर्जा का स्रोत बन सकती है अजैविक मीथेन
पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह के नीचे मीथेन का अपार भंडार, ऊर्जा का स्रोत बन सकती है अजैविक मीथेन

वास्को-द-गामा (गोवा), आइएसडब्ल्यू। पृथ्वी के भीतर पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे हाइड्रोकार्बन ईंधनों का भंडार हैं। ये सभी जीवाश्म ईंधन हैं, जबकि कुछ हाइड्रोकार्बन, विशेष रूप से मीथेन, पृथ्वी के भीतर गहराई में जैविक और अजैविक दोनों प्रक्रियाओं से बनते हैं। पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह के नीचे मीथेन का अपार भंडार हैं। मीथेन रंगहीन तथा गंधहीन गैस है, जो प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है।

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अमेरिका के डीप कार्बन ऑब्जर्वेटरी (डीसीओ) के वैज्ञानिकों ने दुनिया के बीस से अधिक देशों और कई गहरे महासागरीय क्षेत्रों में मीथेन के अजैविक उत्पत्ति स्रोतों का पता लगाया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, कुछ विशेष चट्टानों में पाए जाने वाले ओलिविन नामक खनिज और पानी आपस में क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं। यह हाइड्रोजन कार्बन स्रोतों, जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड से क्रिया करके मीथेन बनाती है।

वैज्ञानिक इसी को अजैविक मीथेन कहते हैं क्योंकि यह बिना किसी जैविक आधार के निर्मित होती है। अध्ययन में यह भी पता चला है कि कुछ विशिष्ट सूक्ष्मजीव वास्तव में अजैविक मीथेन बनाने में मदद करते हैं। पृथ्वी में बहुत अधिक गहराई में मिलने वाले मीथोनोजेन नामक ये सूक्ष्मजीव भू-रासायनिक क्रियाओं के दौरान बनने वाली हाइड्रोजन का उपयोग करके अपशिष्ट के रूप में मीथेन गैस का उत्सर्जन करते हैं। मीथेन ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है। यह गैस धरती में पड़ी दरारों से निकलती है।

डीसीओ के वैज्ञानिकों ने लगभग तीन अरब वर्ष पहले महाद्वीपों के कोर में बनी चट्टानों, समुद्र तल में मध्य-महासागरीय चोटियों, ज्वालामुखियों की निकटवर्ती उच्च तापमान वाली जलतापीय नलिकाओं और विभिन्न महाद्वीपों के कई बेहद खारे झरनों और जलकुंडों में अजैविक मीथेन की उपस्थिति का पता लगाया है। इन स्थानों में तुर्की की प्रसिद्ध फ्लेम्स ऑफ काइमिरा, ओमान के सीमेल ओफियोलाइट, कनाडा की गहरी खदानें और मध्य अटलांटिक महासागर में लॉस्ट सिटी जलतापीय क्षेत्र शामिल हैं।

शोधकर्ताओं ने दुनियाभर से मीथेन के नमूने एकत्र किए हैं। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने अजैविक मीथेन के रासायनिक घटकों का विश्लेषण किया है।

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