नकदी में सौदे कम करने को प्लास्टिक मनी को प्रोत्साहन
कालेधन पर लगाम लगाने को सरकार नकदी सौदों को हतोत्साहित करने की नीति पर चल रही है। इस दिशा में सरकार ने प्लास्टिक मनी और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने का फैसला किया है।
नई दिल्ली(जागरण ब्यूरो)। कालेधन पर लगाम लगाने को सरकार नकदी सौदों को हतोत्साहित करने की नीति पर चल रही है। इस दिशा में सरकार ने प्लास्टिक मनी और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इस संबंध में आगे कदम बढ़ाने के एक प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ ही सरकार ने नीति आयोग के तहत अटल इनोवेशन मिशन स्थापित करने को भी स्वीकृति दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नकद सौदों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से कई अल्पकालिक और मध्यम अवधि के उपायों को लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। इन प्रस्तावों को सरकार के मंत्रालय और विभागों को लागू करने हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नकदी रहित सोसाइटी बनाने की दिशा में कदम उठाने की घोषणा पिछले बजट में ही की थी। इसके लिए वित्त मंत्रालय ने एक मसौदा भी तैयार किया था जिस पर जनता की राय भी मांगी गई थी। इस मसौदे में दुकानदारों को क्रेडिट-डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान लेने को प्रोत्साहित करने के लिए भी कई सिफारिश की गई थीं। इसके तहत दुकानदारों को भी एक निश्चित सीमा तक क्रेडिट-डेबिट कार्ड से भुगतान लेने पर टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव किया गया। मसौदे के मुताबिक यदि कोई दुकानदार अपनी कुल बिक्री का 50 फीसद क्रेडिट-डेबिट कार्ड के जरिए प्राप्त करता है तो उसे टैक्स छूट दी जा सकती है।
सरकार का मानना है कि क्रेडिट-डेबिट कार्ड को बढ़ावा मिलने से किसी भी व्यक्ति की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री तैयार करने में मदद मिलेगी जिससे उसे कर्ज लेने में आसानी होगी। साथ ही वित्तीय समावेशन की तरफ बढ़ने की दिशा में भी यह महत्वपूर्ण होगा। इतना ही नहीं यदि क्रेडिट-डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ता है तो जाली करेंसी की समस्या को भी कम किया जा सकेगा।
दूसरी तरफ एक अन्य फैसले में सरकार ने नीति आयोग के तहत अटल इनोवेशन मिशन एंड सेल्फ एंप्लायमेंट एंड टेलेंट यूटिलाइजेशन स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इस मिशन की स्थापना के बाद इसके निदेशालय भी स्थापित किया जाएगा। इससे मिशन संबंधी कामों को ज्यादा फोकस तरीके से किया जा सकेगा। प्रस्ताव के मुताबिक मिशन देश में इनोवेशन और उद्यमिता के लिए एकमात्र फोकल प्वाइंट होगा। इस मिशन के लिए नीति आयोग ही मिशन डायरेक्टर और अन्य जरूरी कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा।
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