18.5 हजार नहीं 1.19 लाख गांवों तक पहुंची बिजली, अब हर घर स्मार्ट मीटर से जुड़ेगा
देश के सभी गांवों में बिजली देने के मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच श्रेय लेने की मची होड़।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के सभी गांवों में बिजली देने के मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच श्रेय लेने की मची होड़ के बीच सरकार ने कहा है कि पूर्व की यूपीए सरकार के कार्यकाल में 90 हजार ऐसे गांव थे जिन्हें सिर्फ कागजों पर बिजली पहुंचाई गई थी। इन 90 हजार गांवों को बिजली पहुंचाने का दावा पूर्व की यूपीए सरकार के कार्यकाल में किया गया था, लेकिन असलियत में या तो इन गांवों तक बिजली पहुंची नहीं थी या फिर काम सिर्फ दिखावे भर का था। इन सभी गांवों में भी अब बिजली पहुंचाई गई है। इस तरह से एनडीए सरकार ने तकरीबन 1.19 लाख से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचाई है।
यूपीए के कार्यकाल में 90 हजार गांव सिर्फ कागजों में थे विद्युतीकृत: आरके सिंह
शनिवार को सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि 18,452 शेष बचे गांवों तक बिजली पहुंचा दी गई है। इस तरह से देश के सभी तकरीबन साढ़े छह लाख गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है। सरकार के इस दावे को कांग्रेस ने खारिज करते हुए कहा है कि उसने अपने कार्यकाल में सवा छह लाख से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचा दी थी। इसलिए यह उपलब्धि कोई खास नहीं है। इस पर बिजली मंत्री आर के सिंह का कहना है कि, अगर यह इतना ही आसान था तो पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इसे पूरा क्यों नहीं किया। असलियत में वर्ष 2005 में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने तत्कालीन बिजली मंत्री को पत्र लिख कर वर्ष 2009 तक देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय करने को कहा था। उसके बाद राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के नाम से योजना भी चलाई गई, लेकिन यह काम अब जा कर पूरा हुआ है। यही नहीं तब की सरकार ने जिन गांवों को विद्युतीकृत दिखाया था उनमें से 90 हजार में बिजली नहीं थी, उसे हमने पूरा किया है।
अब चौबीसों घंटे बिजली पर जोर
सिंह ने कहा कि हर गांव को बिजली देने के बाद अब हर घर को बिजली और चौबीसों घंटे बिजली देने का काम युद्धस्तर पर जारी है। मौजूदा नियम के मुताबिक 10 फीसद से ज्यादा घरों में बिजली पहुंचने पर उस गांव को विद्युतीकृत माना जा रहा है लेकिन असलियत में औसतन 82 फीसद घरों तक बिजली पहुंच चुकी है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल के सौ फीसद घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है।
मौजूदा डाटा के मुताबिक सरकार के 3.17 करोड़ घरों को दिसंबर, 2018 तक बिजली पहुंचानी है, इसमें सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है। इसकी रफ्तार बढ़ाने के लिए हर गांव में कैंप लगाने की रणनीति बनाई गई है। गरीब परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दी जाएगी जबकि अन्य सामान्य परिवारों से बिजली कनेक्शन की लागत उनके मासिक बिल के साथ देने की छूट मिलेगी।
दरअसल, देश में बिजली की आपूर्ति की स्थिति अभी बहुत अच्छी है। यह एक अहम कारण है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा घरों में बिजली देना चाहती है ताकि बिजली की खपत बढ़े। बिजली मंत्रालय के डाटा के मुताबिक देश में सभी स्त्रोतों से बिजली बनाने की कुल क्षमता 3,45,600 मेगावाट है।
अधिकांश बिजली संयंत्र अपनी क्षमता के मुताबिक पूरा उत्पादन नहीं कर रहे हैं। अभी भी 2,25,500 मेगावाट बिजली उपलब्ध है जबकि पीक आवर मांग सिर्फ 1,65,000 मेगावाट की है। राज्यों से कहा गया है कि वह एक एक जिला करके सौ फीसदी घरों तक बिजली पहुंचाने की योजना बनाए। चौबीसों घंटे बिजली का काम भी सरकार अगली चुनाव से पहले पूरा करना करना चाहती है।
गरीबों को मिलेगा स्मार्ट मीटर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हर घर को बिजली से जोड़ने के बाद सरकार का अगला कदम है गांवों के हर घर को स्मार्ट मीटर से जोड़ना। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के बीपीएल परिवारों को यह स्मार्ट मीटर दिया जाएगा जिससे वह अपनी मासिक बजट के मुताबिक बिजली का इस्तेमाल कर सके। बिजली मंत्री का कहना है कि, स्मार्ट मीटर लगाने में राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों को अहम भूमिका निभानी होगी। राज्यों से बात की जा रही है कि किस तरह से बेहद कम कीमत पर स्मार्ट मीटर पूरे देश में उपलब्ध कराई जा सके।