इलेक्ट्रिक वाहन योजना को मिली अच्छी कामयाबी
स्कीम के तहत सरकार की ओर से प्रत्येक शहर को सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कुल 105 करोड़ रुपये की मदद प्रदान करने का प्रस्ताव है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। स्वच्छ अभियान के तहत फेम इंडिया स्कीम के पहले चरण के तहत दिल्ली, लखनऊ, जम्मू, कोलकाता, इंदौर समेत देश के 11 प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन करने वाली कंपनियों को केंद्र सरकार 4000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय मदद मुहैया कराएगी।
देश के प्रमुख नगरों में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आधारित सार्वजनिक एवं साझा परिवहन प्रणाली के संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना का एलान पिछले वर्ष 31 अक्टूबर को किया गया था। भारी उद्योग मंत्रालय ने इसके 30 नवंबर तक विभिन्न निवेशकों से अभिरुचि प्रस्ताव (एक्सप्रेशन आफ इंट्रेस्ट-ईओआइ) मांगे थे। जवाब में मंत्रालय को 21 राज्यों के 44 शहरों से कुल 47 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें 3,144 इलेक्ट्रिक बसें, 2,430 इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर टैक्सियां तथा 21,545 इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर आटो रिक्शे चलाने की मंशा जताई गई है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री मनसुख भाई मंडाविया की ओर से राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार इनमें से 11 शहरों के प्रस्तावों का चयन वित्तीय प्रदान करने के लिए किया गया है। इनमें दिल्ली, लखनऊ, जम्मू, कोलकाता, इंदौर, जयपुर, मुंबई, हैदराबाद, बंगलूर, अहमदाबाद तथा गुवाहाटी का नाम शामिल है।
स्कीम के तहत सरकार की ओर से प्रत्येक शहर को सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कुल 105 करोड़ रुपये की मदद प्रदान करने का प्रस्ताव है। जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए प्रति शहर 15 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद अलग से प्रदान की जाएगी।
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने जम्मू एवं गुवाहाटी को 15 ई-बसों के लिए जबकि बाकी नौ शहरों को 40 ई-बसों के लिए केंद्रीय सब्सिडी देने का एलान किया था। उन्होंने अहमदाबाद को 20, बंगलूर को 100, इंदौर को 50, कोलकाता को 200 ई-टैक्सियों तथा बंगलूर को 500, इंदौर को 200 तथा अहमदाबाद को 20 ई-थ्री ह्वीलर के लिए मदद प्रदान करने की घोषणा की थी। स्कीम के तहत शहरों का चयन दस लाख से अधिक आबादी के अलावा वाहनों की संख्या, वाहन प्रदूषण, स्वच्छ अभियान में शहर की रैंकिंग तथा स्मार्ट सिटी में शामिल होने के आधार पर किया गया है। स्कीम पर कुल मिलाकर 4055 करोड़ रुपये की सब्सिडी खर्च होगी।