Move to Jagran APP

Election Commission: चुनाव आयोग ने कुल 339 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर चलाया डंडा, 253 निष्क्रिय घोषित

चुनाव आयोग ने करीब 339 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ फिर डंडा चलाया है। इनमें से करीब 253 राजनीतिक दलों को निष्क्रिय घोषित कर दिया है जबकि 86 दलों के नाम पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों की सूची से हटा दिया है।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 14 Sep 2022 12:01 AM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2022 05:58 AM (IST)
चुनाव आयोग की 339 राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई

जेएनएन, नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। चुनावी लोकतंत्र की शुद्धता को बनाए रखने और व्यापक जनहित में आयोग ने 339 पंजीकृत गैरमान्यता प्राप्त पार्टियों (आरयूपीपी) के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें से 86 दल सिर्फ कागजों पर चल रहे थे और शेष 253 निष्क्रिय पड़े हुए थे। कार्रवाई के दायरे में आने वाले ज्यादातर दल उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार के हैं।

loksabha election banner

बता दें कि पिछले हफ्ते ही आयकर विभाग ने 100 से ज्यादा पंजीकृत गैरमान्यता प्राप्त दलों, उनसे जुड़ी संस्थाओं और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के खिलाफ छापे मारे थे। आयकर विभाग ने चुनावी चंदे में गड़बड़ी की शिकायतों पर यह कार्रवाई की थी। बताया जाता है कि छापे में कई दलों को गंभीर वित्तीय अनियमितता में लिप्त पाया गया है। अभी इसकी जांच चल रही है। बताया तो यह भी जाता है कि आयकर विभाग ने यह कार्रवाई चुनाव आयोग की शिकायत पर की थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई थी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने नियमों का पालन नहीं करने वाली पंजीकृत गैरमान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ इस साल मई में कार्रवाई शुरू की थी। मई में आयोग ने 87 दलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें आरयूपीपी की सूची से बाहर कर दिया था, जबकि जून में 111 दलों को इस सूची से बाहर किया था। इनको मिलाकर अब आयोग 537 पंजीकृत गैरमान्यता प्राप्त पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है। अब ये सभी राजनीतिक दल चुनाव के दौरान न पार्टी के लिए अधिकृत चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल कर सकेंगे और न ही चुनाव के दौरान कोई फायदा ले सकेंगे।

सत्यापन में फर्जी मिले पते

जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 29ए के तहत प्रत्येक राजनीतिक दल को अपने नाम, मुख्यालय, पदाधिकारी, पता, पैन आदि में किसी भी बदलाव की जानकारी बिना किसी देरी के चुनाव आयोग को देनी होती है। लेकिन बार-बार की चेतावनी के बाद 86 दलों ने उपरोक्त जानकारी नहीं दी थी। संबंधित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों द्वारा स्थलीय सत्यापन में आयोग के पास दर्ज पते पर इन 86 दलों का पता नहीं चला था।

कई राज्यों के सीईओ की शिकायत पर कार्रवाई

आयोग के अनुसार नियमों का पालन नहीं करने के मामले में 253 आरयूपीपी के खिलाफ बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) की शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की गई है। इन 253 दलों ने आयोग की तरफ से भेजे गए पत्रों और नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया, जिसके चलते इन्हें निष्क्रिय घोषित किया गया है। इन दलों ने राज्य विधानसभाओं या 2014 और 2019 के संसदीय चुनाव में भी भाग नहीं लिया था। जबकि पंजीकरण के छह साल के भीतर चुनाव लड़ना जरूरी होता है।

काले धन को सफेद करने का संदेह

सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग को इन दलों के खिलाफ काले धन को सफेद करने की शिकायतें मिल रही थीं। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने ऐसे दलों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इन राजनीतिक दलों को संचालकों के माध्यम से चंदा दिया जाता है। फिर काले धन को सफेद कर कर इन राजनीतिक दलों द्वारा नकद वापस दिया जाता है। ऐसा इसलिए संभव हो पाता है क्योंकि राजनीतिक दल आयकर अधिनियम की धारा 13 ए के तहत कर लाभ का दावा करते रहे हैं।

ज्यादा दल होने से गड़बड़ी की आशंका

आयोग के मुताबिक बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों की मौजूदगी से गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है। इनमें से कई दल ऐसे भी होते हैं जिनके नाम दूसरे दलों से मिलते जुलते होते हैं। इससे मतदताओं में भ्रम की स्थिति भी पैदा होती है। इसके अलावा राजनीतिक दलों की गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल करने का भी अधिकार मतदाताओं को है। लेकिन इन दलों के अस्तित्व में ही नहीं होने से इनके बारे में जानकारी हासिल कर पाना मुश्किल था। इन सब तथ्यों को भी ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग की तरफ से यह कार्रवाई की गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.