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प्यार की खातिर आठ-आठ लाख के इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

15 साल से सक्रिय माओवादी नेता गोपी मोडियम उर्फ मंगल ने महिला माओवादी डिप्टी कमांडर भारती उर्फ रामे के प्यार की खातिर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 10:31 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 10:31 PM (IST)
प्यार की खातिर आठ-आठ लाख के इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर, राज्‍य ब्‍यूरो। प्‍यार इंसान को बदल देता है। यह छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में देखने को मिला। यहां सक्रिय नक्सलियों के गंगालूर एरिया कमेटी में 15 साल से सक्रिय माओवादी नेता गोपी मोडियम उर्फ मंगल ने महिला माओवादी डिप्टी कमांडर भारती उर्फ रामे के प्यार की खातिर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों आठ-आठ लाख रुपये के इनामी हैं।

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नक्सली लीडर बने हुए थे प्यार के दुश्मन, इसलिए लौटे मुख्यधारा में

गोपी मोडियम गंगालूर एरिया कमेटी में विभिन्न पदों पर काम कर चुका है। वह प्रेम प्रसंग के चलते कई बार नक्‍सली संगठन से निष्कासित किया जा चुका था। अब प्रेम की खातिर ही उसने माओवादी विचारधारा और हिंसा के रास्ते को त्यागने का फैसला किया। गोपी की मुलाकात कुछ साल पहले सुकमा क्षेत्र में सक्रिय महिला नक्सली डिप्टी कमांडर भारती उर्फ रामे से हुई थी। दोनों के बीच प्रेम पनपा। फिर घर बसाने का फैसला ले लिया। दोनों ऐसे व्यक्ति की तलाश में थे, जो उन्हें सकुशल पुलिस तक पहुंचाकर आत्मसमर्पण करने में मदद करे। 

पत्र में संगठन छोड़कर जाने की इच्छा जाहिर की थी

महिला कमांडर भारती के रिश्तेदार से उनका संपर्क हुआ और दोनों ने उनसे आत्मसमर्पण करने की इच्छा जाहिर की। रविवार को दोनों ने अपने विश्वसनीय साथी को गंगालूर मार्ग पर बुलाया और उसके साथ बीजापुर आ गए। यहां से पूछताछ के लिए उन्हें पुलिस रायपुर ले गई है। सूत्रों के अनुसार समर्पण करने से पहले गोपी ने पीडिया गांव में एक पत्र छोड़ा था, जिसमें उसने संगठन छोड़कर जाने की इच्छा जाहिर की थी। बताया जा रहा है कि वह पत्र नक्सली कमांडर पापा राव के हाथ लग गया। इसके बाद आत्मसमर्पण करने के लिए निकले गोपी और भारती की तलाश नक्सलियों ने शुरू की, लेकिन तब तक वे पुलिस के पास पहुंच चुके थे। 

संगठन में लेवी वसूली का काम करता था गोपी 

बताया जाता है कि नक्सली कमांडर गोपी छह साल से संगठन के लिए लेवी वसूली का भी काम करता था। पहले भी गोपी के समर्पण करने की सूचनाएं प्राप्त हुई थीं परंतु वह अफवाह साबित हुई। बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप ने दोनों के समर्पण की पुष्टि करते कहा है कि वे बीजापुर में नहीं हैं, क्योंकि आत्मसमर्पण में रायपुर और सुकमा पुलिस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गोपी मूलत: जिले के चेरकंटी गांव का रहने वाला है। वह सलवा जुडूम के दौर में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था।


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