फोरम की बैठक: भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक नजदीकियां बढ़ाने के प्रयास तेज
बैठक के दौरान अमेरिका ने भारत को फार्मा एवं मेडिकल उपकरण जैसे आइटम में विश्व सप्लाई चेन का प्रमुख हिस्सा बनने में सहयोग देने का भरोसा दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने व्यापारिक नजदीकियां बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है। इस क्रम में मंगलवार की देर रात को भारत के उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस की अध्यक्षता में भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान अमेरिका ने भारत को फार्मा एवं मेडिकल उपकरण जैसे आइटम में विश्व सप्लाई चेन का प्रमुख हिस्सा बनने में सहयोग देने का भरोसा दिया। वहीं, भारत ने दोनों देशों के आपसी सहयोग से वैश्विक स्थिरता, सुरक्षा और आर्थिक संपन्नता आने का विश्वास जताया।
इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण से सप्लाई चेन बनने में सहयोग का अमेरिका ने दिया भरोसा
रॉस ने कहा कि कोविड के चुनौतीपूर्ण समय में दोनों देशों ने एक-दूसरे के प्रति जो सहयोग दिखाया है, वह व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने का अवसर है। दोनों देश फार्मा, मेडिकल उपकरण जैसे क्षेत्र में आपसी सहयोग से सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन सकते हैं। इस मौके पर गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग का एक असाधारण क्रम विकसित हुआ है जो वैश्विक स्तर पर स्थिरता लाने के साथ सुरक्षा और आर्थिक संपन्नता लाने में भी मदद करेगा। उन्होंने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में छोटे व्यवसाय की महत्ता जाहिर करते हुए कहा कि दोनों देशों को इस सेक्टर में रोजगार में तेजी लाने के साथ उन्हें कुशल बनाने की जरूरत है। दोनों देशों ने कोविड काल में एक-दूसरे के सहयोग को आगे भी जारी रखने की उम्मीद जाहिर की।
भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौता की जरूरत
भारतीय सीईओ फोरम का नेतृत्व करते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने अमेरिका की सरकार से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय मानव संसाधन के योगदान को अहमियत देने की गुजारिश करते हुए कहा कि अभी दोनों देशों के योग्य मानव संसाधन को एक-दूसरे देश में बेरोकटोक आने-जाने की जरूरत है। अमेरिका सीईओ फोरम का नेतृत्व लॉकहीड मार्टिन के सीईओ जेम्स टाइकलेट ने किया।
मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहयोग
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक फोरम की बैठक में दोनों देशों की तरफ से ऐसी नीति बनाने और उसे लागू करने जरूरत महसूस की गई जिससे मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहयोग में बढ़ोतरी हो सके। इन क्षेत्रों में मुख्य रूप से हेल्थकेयर, फार्मा, एयरो स्पेस, रक्षा व इंफ्रास्ट्रक्चर के अन्य क्षेत्र शामिल हैं। निवेश के प्रोत्साहन को भी ध्यान में रखते हुए नीति बनाने की आवश्यकता दोहराई गई। बैठक के दौरान छोटे कारोबार, उद्यमशीलता, ऊर्जा, जल व पर्यावरण, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय सेवा जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया।