कुलपतियों के साथ चर्चा में शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने दिए निर्देश, अक्टूबर तक केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षकों के खाली पद भरे जाएं
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लंबे समय से खाली पदों को भरने के लिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अगले हफ्ते तक रिक्त पदों से संबंधित विज्ञापन जारी करने के साथ ही अक्टूबर तक सभी पदों को भरने को कहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने के लिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मिशन मोड में काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अगले हफ्ते तक रिक्त पदों से संबंधित विज्ञापन जारी करने के साथ ही अक्टूबर तक सभी पदों को भरने को कहा है। मौजूदा समय में देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के करीब 6200 पद खाली हैं। इनमें सामान्य पदों के अलावा ओबीसी, एससी, एसटी और ईडब्लूएस के पद भी शामिल हैं।
शिक्षा मंत्री प्रधान शुक्रवार को शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद पहली बार केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वर्चुअल चर्चा कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान सभी विश्वविद्यालयों से कोरोना संकट के दौरान लड़खड़ाए शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने को भी कहा है। इसके तहत नए शैक्षणिक सत्र की प्रवेश प्रक्रिया को जल्द पूरा करने, समय पर परीक्षा कराने और समय पर रिजल्ट घोषित करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने संस्थानों के शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन पर जोर दिया। वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके और जिन्होंने अब तक एक भी डोज नहीं ली है, ऐसे शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों का ब्यौरा भी तैयार करने को कहा है। साथ ही, जिन्होंने अब तक वैक्सीन नहीं ली है, उनका भी जल्द ही टीकाकरण कराने का कहा है।
नई शिक्षा नीति पर भी की चर्चा
कुलपतियों के साथ चर्चा में उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल पर भी बात की है और कहा कि आपके पास नए बदलावों को अपनाने की पूरी स्वायत्तता है। नीति के अनुरूप नए कोर्स इसी साल से शुरू कर सकते हैं। इस बीच उन्होंने कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों की ओर से इस दिशा में उठाए गए कदमों को सराहा भी।
एकेडमिक बैंक क्रेडिट की व्यवस्था अपनाने का सुझाव
उन्होंने सभी से एकेडमिक बैंक क्रेडिट (एबीसी) की व्यवस्था को तेजी से अपनाने का सुझाव दिया और कहा कि नीति को तेजी से अपनाने में केंद्रीय विश्वविद्यालय ही अगुआ की भूमिका निभाएं। शिक्षा मंत्री इस दौरान खुद से जुड़े अपने अनुभव को भी साझा किया, जब उन्हें कुलपति बुलाकर कुछ नया काम सौंपते थे। उन्होंने कुलपति जब खुद ऐसी पहल करेंगे, तो शिक्षक भी इसे अपनाएंगे।