मानेसर जमीन सौदा मामले में ईडी ने जब्त कीं 42 करोड़ की संपत्तियां
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि मानेसर जमीन सौदा मामले में एबीडब्लू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की 42.19 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां अस्थायी तौर पर जब्त कर ली हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बताया कि मानेसर जमीन सौदा मामले में उसने एबीडब्लू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की 42.19 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां अस्थायी तौर पर जब्त कर ली हैं।
ईडी के मुताबिक, जांच में पता चला कि 27 अगस्त, 2004 से 24 अगस्त, 2007 के बीच एबीडब्लू और उसके समूह की कंपनियों ने सरकार द्वारा अधिग्रहण की धमकी देकर किसानों से गैरकानूनी रूप से कौडि़यों के दाम पर उनकी जमीनें हासिल कर लीं थी।
इसके अलावा एबीडब्लू समूह ने अन्य भूस्वामित्व कंपनियों से भी जमीनें हासिल की थीं और हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मिलीभगत और धोखाधड़ी करके आवासीय, वाणिज्यिक व ग्रुप हाउसिंग के लाइसेंस हासिल कर लिए। ईडी का कहना है कि इसके बाद एबीडब्लू ने कुछ लाइसेंसों को बहुत ऊंची कीमतों पर बेच दिया और बेजा लाभ अर्जित किया। यह घोटाला करीब 169 करोड़ रुपये का था।
एबीडब्लू और उसके समूह की कंपनियों ने इस अपराध को छिपाने और टैक्स बचाने के लिए जमीन के टुकड़ों को अलग-अलग लोगों को बेचने के लिए झूठे और जाली समझौते किए। बाद में इन समझौतों को रद कर दिया और झूठे निरस्तीकरण-कम-अदायगी समझौते तैयार कराए। इनमें बिक्री समझौते के निरस्तीकरण के एवज में छह से सात गुना रकम का मुआवजे के तौर पर भुगतान दिखाया गया था।
सीबीआइ ने आरोपितों के खिलाफ सितंबर, 2015 में मामला दर्ज किया था। आरोप था कि हरियाणा सरकार के अधिकारियों से मिलीभगत करके निजी बिल्डरों ने गुरुग्राम जिले में मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों में 400 एकड़ जमीन कौडि़यों के मोल खरीद ली। उस समय इस जमीन का बाजार मूल्य 1,600 करोड़ आंका गया था, जबकि इसे करीब 100 करोड़ रुपये में खरीदा गया था।
-------------------