खातों में सेंधमारी को लेकर ईडी ने पहली बार दर्ज किया केस, बैंक जानकारी हासिल कर चुराते थे पैसा
आरोपित झारखंड के सुदूर अंचल में बैठकर भोले-भाले लोगों को फोन करते थे व उनसे उनकी बैंक जानकारी हासिल कर उनके खातों से पैसा चुरा लेते थे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। साइबर बैंकिंग के जरिये लोगों के खातों में सेंधमार कर पैसा हड़पने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहली बार केस दर्ज किया है। मामले के आरोपित झारखंड के सुदूर अंचल में बैठकर भोले-भाले लोगों को फोन करते थे व उनसे उनकी बैंक जानकारी हासिल कर उनके खातों से पैसा चुरा लेते थे। ईडी ने इस केस में आरोपित प्रदीप मंडल, युगल मंडल, संतोष यादव व अन्य सहयोगियों के खिलाफ कम से कम तीन एनफोर्समेंट केस इंफर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) दायर की है। यह पुलिस की एफआइआर के बराबर मानी जाती है। तीनों को मनी लांड्रिंग के तहत अभियुक्त बनाया गया है।
आरोपितों ने पिछले कुछ सालों में कई लोगों को चूना लगाया है। ईडी अब आरोपितों की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई करेगा। अब तक ईडी पुलिस एफआइआर दर्ज होने के बाद उस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करता था, लेकिन इस मामले में उसने पहली बार केस दायर किया है। एक विशेष टीम जामताड़ा भेजी गई है, ताकि गिरोह का और सुराग व संपत्ति की सूची बनाई जा सके। पहली प्राथमिकी में प्रदीप मंडल पर एक करोड़ की ठगी का आरोप है, दूसरी प्राथमिकी में युगल मंडल व अन्य पर 99 लाख की ठगी का आरोप और तीसरी प्राथमिकी में संतोष यादव पर 50 लाख की ठगी का आरोप है।
विभिन्न राज्यों के लोगों के खाते से लाखों रुपये उड़ाए
देश के विभिन्न राज्यों के बैंक खाताधारकों को ऑनलाइन ठगी के जरिए लाखों रुपये की चपत लगाने वाले जामताड़ा जिले के साइबर अपराधियों पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। पुलिस ऐसे अपराधियों को चिह्नित कर लगातार गिरफ्तार कर रही है, वहीं सीआइडी उनकी अवैध कमाई का आकलन कर रही है। आयकर (आइटी) विभाग उनकी आय का स्त्रोत खंगाल रहा है। साइबर अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई का संकेत देते हुए संथाल परगना डीआइजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि जामताड़ा के दो व देवघर के एक शातिर साइबर अपराधी की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय शीघ्र करेगा।