मध्य प्रदेश के ई-टेंडर घोटाला मामले में ईडी ने दो लोगों को किया गिरफ्तार
देश में ई टेंडरिंग सिस्टम में छेद करते हुए दो उद्योगपतियों ने कई राज्यों में अरबों रुपये के ठेके हड़प लिए। इस धोखाधड़ी के आरोप में ईडी (ED) ने दोनों उद्योगपतियों को गिरफ्तार करने के साथ ही बाकी आरोपियों की जांच तेज कर दी है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। मध्य प्रदेश में तीन हजार करोड़ रुपये के कथित ई-टेंडर घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने बुधवार को बताया कि मंटेना कंस्ट्रक्शंस के संस्थापक व चेयरमैन श्रीनिवास राजू मंटेना और भोपाल निवासी उनके सहयोगी एमी इंफ्रा के आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया है।
अदालत ने दोनों को तीन फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।ईडी के मुताबिक, इस मामले में हैदराबाद की कई इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों समेत अन्य ने कथित तौर पर कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की आइटी सेवा सेवा प्रदाता से मिलीभगत कर ई-टेंडर में हेराफेरी कर अवैध तरीके से भारी-भरकम कांट्रैक्ट हासिल कर लिए।
अप्रैल 2019 में राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने द्वारा दर्ज एफआइआर में इस कथित घोटाले में मैक्स मंटेना, माइक्रो जेवी हैदराबाद, जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद आदि को मुख्य लाभार्थी बताया गया है। इसी मामले में मनी लांड्रिंग केस दर्ज किया गया है।
इंदौर में राशन घोटाले के आरोपितों की संपत्ति नीलाम कर गरीबों को बांटा जाएगा राशन
मध्य प्रदेश के इंदौर में लाकडाउन के दौरान गरीबों के लिए सरकार द्वारा भेजे गए राशन में घोटाला करने वाल आरोपितों की संपत्ति को नीलाम किया जाएगा। उससे जो धनराशि प्राप्त होगी, उससे गरीबों को राशन बांटा जाएगा। इंदौर प्रशासन घोटाले के आरोपितों की संपत्ति की जानकारी निकालकर सूची तैयार कर रहा है। जल्द ही संपत्ति की नीलामी होगी।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही इंदौर प्रशासन ने गरीबों के राशन में घोटाला करने वाले ठेकेदार, खाद्य विभाग के अधिकारी, राशन सप्लाई करने वाली दुकानों के संचालक सहित अन्य आरोपितों की गड़बड़ी का राज उजागर किया था।इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इंदौर प्रशासन ने एडीएम अभय बेडेकर और एसडीएम प्रतुल सिन्हा को घोटाले के आरोपितों की संपत्ति की जानकारी जुटाने के लिए कहा है। संपत्ति को नीलाम करके जो राशि मिलेगी, उससे अनाज खरीदकर गरीब लोगों में बांटा जाएगा। आरोपितों ने करीब 80 लाख रुपये के राशन का फर्जीवाड़ा किया है। वहीं, फूड कंट्रोलर आरसी मीणा के खिलाफ भी जांच की जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि इस प्रकार की फर्जीवाड़े की शिकायत सीधे जनसुनवाई में कर सकते हैं।