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बीकानेर जमीन घोटाले में कसने लगा है राबर्ट वाड्रा के इर्द-गिर्द शिकंजा

अशोक कुमार स्‍काइलाइट हॉस्पिटलिटी प्राइवेट लिमिटेड के महेश नागर के करीबी सहयोगी हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 04:40 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 05:00 PM (IST)
बीकानेर जमीन घोटाले में कसने लगा है राबर्ट वाड्रा के इर्द-गिर्द शिकंजा
बीकानेर जमीन घोटाले में कसने लगा है राबर्ट वाड्रा के इर्द-गिर्द शिकंजा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कांग्रेस को थोड़ी राहत मिली लेकिन राबर्ट वाड्रा के इर्द-गिर्द शिकंजा कसना शुरू हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने बीकानेर जमीन घोटाले से जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से अशोक कुमार नाम का एक आरोपी महेश नागर का करीबी है, जो राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पीटलिटी का आधिकारिक प्रतिनिधि है। स्काईलाइट हास्पीटलिटी पर विस्थापितों के लिए निर्धारित जमीन पर फर्जी तरीके से खरीद-बेचकर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाने का आरोप है।

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ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने बीकानेर जमीन घोटाले में पहली गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए कहा कि दो मुख्य आरोपियों जयप्रकाश बगरवा और अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया है। उनके अनुसार बिकानेर में महाजन फायरिंग रेंज के निर्माण के दौरान विस्थापितों के लिए निर्धारित जमीन को फर्जी तरीके के खरीदने-बेचने में इन दोनों ने अहम भूमिका निभाई थी।

ईडी के अनुसार गिरफ्तार अशोक कुमार ने स्काइलाइट हास्टपीटलिटी को 69.55 हेक्टेयर जमीन 72 लाख रुपये में खरीदने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद इसी जमीन को 5.15 करोड़ रुपये में एलीजनी फिनलीज नाम की कंपनी को बेच दिया गया। ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एलीजनी फिनलीज एक मुखौटा कंपनी है और कोई वास्तविक बिजनेस नहीं करती है। यही नहीं, इस कंपनी के कई शेयरहोल्डरों का कोई अता-पता ही नहीं है। आशंका है कि यह राबर्ट वाड्रा की मुखौटा कंपनी है।

विस्थापितों के लिए निर्धारित इस जमीन पर अवैध तरीके और फर्जी नामों से रजिस्ट्री कराने के मामले में राजस्थान पुलिस एफआइआर दर्ज कर जांच कर रही है। इसी आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत इस मामले में केस दर्ज किया था। केस दर्ज करने के बाद ईडी जयप्रकाश बगरवा और अशोक कुमार के ठिकानों पर छापा मार चुका है। इसके साथ ही राबर्ट वाड्रा से ही इस जमीन के खरीद-फरोख्त से संबंधित कई दस्तावेज जमाने कराने को कहा गया था।

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