Coronavirus से जंग के बीच दिल्ली में दूसरी बार भूकंप के झटके, जानें कितनी सेफ है राजधानी?
बता दें कि हम मेक्सिको सिटी की तुलना दिल्ली से सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे हैं कि दोनों ही अपने-अपने देशों की राजधानियां हैं। बल्कि यह तुलना इसलिए भी कर रहे हैं कि दोनों एक जैसे हैं
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही दिल्ली ने आज लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटके महसूस किए। गनीमत रही कि रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.7 मापी गई, बीते दिन भी दिल्ली में 4.7 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। अब सवाल ये उठने लगा है कि यदि दिल्ली-एनसीआर में इतने रिक्टर स्केल का भूकंप आ गया तो क्या होगा। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि यदि 6 रिक्टर स्केल की तीव्रता से अधिक का भूकंप आ गया तो दिल्ली-एनसीआर का 80 फीसदी हिस्सा डैमेज हो जाएगा और यहां रह रहे लोग मारे जाएंगे। दरअसल दिल्ली-एनसीआर का अधिकतर इलाका रेतीली जमीन पर बसा हुआ है। इस वजह से यदि यहां पर इतनी रिक्टर स्केल का भूकंप आया तो तबाही से बचना मुश्किल होगा।
कोरोना से पहले ही जारी है लड़ाई
दिल्ली में सोमवार दोपहर तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल चार मामले सामने आए हैं। शनिवार को जारी आकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1154 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें तीन मामले साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के हैं, जबकि एक पुलिसकर्मी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मिली जानकारी के मुताबिक, साकेत अस्पताल में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक अन्य स्टाफ की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
पाकिस्तान में भूकंप आने पर भी हिली थी दिल्ली
पाकिस्तान में छह महीने पहले आए भूकंप ने देश दुनिया को हिलाकर रख दिया था। पाकिस्तानी में आया भूकंप 6.1 तीव्रता का था और इसका केंद्र भी राजधानी दिल्ली से सैकड़ों किलोमीटर दूर था। दिल्ली में ऐसा भूकंप आया तो राष्ट्रीय राजधानी में तबाही मच सकती है। दिल्ली भूकंप संभावित क्षेत्र में आती है। पिछले साल 19 सितंबर को मेक्सिको में आए 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में सैंकड़ों लोगों की जान चली गई थी। ज्ञात हो कि 1985 के बाद मेक्सिको में आया यह सबसे बड़ा भूकंप था। ये बता दें कि हम मेक्सिको सिटी की तुलना दिल्ली से सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे हैं कि दोनों ही अपने-अपने देशों की राजधानियां हैं। बल्कि यह तुलना इसलिए भी कर रहे हैं कि यह दोनों शहर काफी कुछ एक जैसे भी हैं।
ऐसी समानताएं हैं दोनों शहरों में
दिल्ली और मेक्सिको सिटी दोनों ही शहरों का नाम दुनिया के बड़े शहरों में शुमार है। मेक्सिको सिटी जहां 1485 स्क्वायर किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है, वहीं दिल्ली का क्षेत्रफल 1484 स्क्वायर किमी है।
दिल्ली में दोगुनी जनसंख्या
दिल्ली और मेक्सिको सिटी दोनों का क्षेत्रफल जहां एक जैसा है। वहीं दोनों की जनसंख्या में जमीन आसमान का अंतर है। मेक्सिको सिटी की जनसंख्या (2015 में) 89 लाख से कुछ ज्यादा थी। जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली की जनसंख्या एक करोड़ 67 लाख से ज्यादा थी जो 2016 तक आते-आते 1 करोड़ 90 लाख के आसपास पहुंच गई। यानी उतनी ही जगह पर दिल्ली में दोगुने से ज्यादा लोग रहते हैं।
लंदन से ज्यादा जनसंख्या घनत्व दिल्ली का
जनसंख्या घनत्व की बात करें तो मेक्सिको में जहां प्रति एक वर्ग किलोमीटर में 6000 लोग रहते हैं, वहीं दिल्ली में इतने ही क्षेत्रफल में 25, 000 लोग निवास करते हैं। दुनिया के अन्य बड़े शहरों में से एक लंदन से तुलना की जाए तो लंदन का क्षेत्रफल 1572 स्क्वायर किमी है और 2016 तक जनसंख्या 87 लाख से कुछ ऊपर थी और यहां जनसंख्या घनत्व भी 5590 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।
क्यों है दिल्ली को ज्यादा खतरा
राज्यों और केंद्र सरकार की अलग-अलग एजेंसियों ने रिस्क को लेकर एक अध्ययन किया है। इस अध्ययन के अनुसार दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों की मिट्टी अलग है। यमुना पार का (पूर्वी) इलाका रेतीली जमीन पर बसा है और यह हाईराइज बिल्डिंगों के लिए मुफीद नहीं है उसके बाद भी यहां सैकड़ों की संख्या में ऐसी इमारतें बना दी गई है। और तो और कई सरकारी इमारतें भी इतनी ऊंची बना दी गई है। जबकि मध्य दिल्ली के रिज इलाके को काफी हद तक सुरक्षित माना जाता है।