अफगानिस्तान शांति वार्ता की शुरुआत, एस जयशंकर ने दी चेतावनी भारत के खिलाफ ना हो कोई गतिविधि
अफगानिस्तान शांति वार्ता की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन के इस्तेमाल भारत के खिलाफ ना किया जाए।
नई दिल्ली, एएनआइ। अफगानिस्तान के विरोधी खेमे के बीच दशकों के लंबे संघर्ष के बाद बातचीत शुरू हो रही है। इससे बातचीत के जरिए अमेरिका और NATO सैनिकों की करीब 19 साल के बाद अफगानिस्तान से वापसी का रास्ता साफ होगा। इसी बीच दोहा में अफगान शांति प्रक्रिया पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में भारत भी शामिल हुआ है। दोहा में अफगान शांति वार्ता पर संबोधित सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री एस जसशंकर ने कहा कि इसे अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और मानव अधिकारों और लोकतंत्र को बढ़ावा देना चाहिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी बात रखते हुए एस जयशंकर ने कहा कि भारत ये अपेक्षा करता है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी हाल में भारत के खिलाफ नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि बातचीत में अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। बातचीत इस तरीके से होनी चाहिए की मानवाधिकार और लोकतंत्र को बढ़ावा देती हो। उन्होंने दोनों पक्षों से कहा कि वह महिलाओं, अल्पसंख्यकों और असहायों के हितों को सुनिश्चित करे। इतना ही नहीं जयशंकर ने देशभर में हो रही हिंसा को रोकवे के लिए प्रभावी उपाय लागू करने को लेकर भी जोर दिया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते और मजबूत होंगे। उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान का ऐसा कोई कोना नहीं है जहां भारत के 400 से ज्यादा विकास प्रोजेक्ट्स न पहुंचे हों। उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच जो दोस्ती है वह अफगानिस्तान के साथ हमारे इतिहास का सबूत है।
जानकारी के लिए बता दें कि अफगानिस्तान और तालिबान के बीच यह बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की पहल पर हो रही है। गौरतलब है कि नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है इससे पहले ट्रंप ने कई कूटनीतिक गतिविधियां शुरू की हैं।