वायु प्रदूषण में धूल का हिस्सा सबसे ज्यादा, यह सिर्फ पानी के छिड़काव से ही होगा खत्म
यह किसी और विधि से खत्म भी नहीं हो सकता है। इसे सिर्फ पानी के छिड़काव या फिर हवा को तेज दबाव के साथ शोषित करके ही खत्म किया जा सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर सहित वायु प्रदूषण से जूझ रहे शहरों के लिए यह बात चौंकाने वाली हो सकती है, क्योंकि इन शहरों के ऊपर वायु प्रदूषण का जो खतरा मंडरा रहा है, वह कुछ और नहीं, बल्कि उनके शहर से उठने वाली धूल का ही एक बड़ा हिस्सा है। यह किसी और विधि से खत्म भी नहीं हो सकता है। इसे सिर्फ पानी के छिड़काव या फिर हवा को तेज दबाव के साथ शोषित करके ही खत्म किया जा सकता है।
वायु प्रदूषण को लेकर आईआईटी दिल्ली की देखरेख में पर्यावरण विशेषज्ञों की एक टीम ने हाल ही में एक रिपोर्ट मंत्रालय को दी है। इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया है कि चीन, अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर अलग-अलग तरीकों से पानी का छिड़काव किया जाता है। टीम ने इस दौरान बिट्रिश काल के नगरीय नियमों का भी हवाला दिया है, जिसमें सड़कों और फुटपाथ पर पानी का छिड़काव करके ही झाडू लगाने के निर्देश थे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह व्यवस्था सिर्फ इसीलिए की गई थी, ताकि धूल न उड़े और हवा साफ रहे। विशेषज्ञों ने इस दौरान मंत्रालय को जो अहम सुझाव दिया है, उनमें पानी का छिड़काव शामिल है।
विशेषज्ञों ने मंत्रालय को अपना यह सुझाव उस समय दिया है, जब एनजीटी पहले से ही दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए पानी का छिड़काव करने का सुझाव दे चुकी है। रिपोर्ट में विशेषज्ञों का कहना है कि पानी के अलावा प्रदूषित हवा को फिल्टर के जरिए भी साफ किया जा सकता है। हालांकि टीम के एक सदस्य ने बताया कि पानी का छिड़काव ही इसका एक बेहतर तरीका है। जो हेलीकाप्टर से भी किया जा सकता है।