आर्टिकल 370 हटाने के बाद पहली बार बदलेगी यह व्यवस्था, सितंबर के अंत में हो सकता 'दरबार मूव'
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पहली बार यह व्यवस्था बदलेगी।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर सरकार के दरबार को श्रीनगर से जम्मू लाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए ब्योरा मांगा गया है। इस बार अक्टूबर की बजाय सितंबर में ही दरबार जम्मू लाया जा रहा है।
हालांकि यह भी मांग उठ रही है कि पूरे सरकारी तंत्र को स्थानांतरित करने की बंद कर सालाना छह सौ करोड़ रुपये के खर्च को बचाया जाए। जम्मू और श्रीनगर सचिवालयों में सीमित कर्मचारी और अधिकारी ही रहें और सिर्फ मुख्य सचिव और प्रशासनिक सचिव ही मूव करें।
5 अगस्त को राज्य के पुनर्गठन की घोषणा के बाद कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने की मुहिम से सचिवालय का कामकाज भी प्रभावित हुआ है। सामान्य तौर पर जम्मू में अक्टूबर के अंत में सरकार के दरबार को लाने की प्रक्रिया चलती है, लेकिन इस बार सितंबर के अंत में ही दरबार मूव हो सकता है। प्रशासन को जम्मू में आवासीय सुविधाओं संबंधी आकलन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। वित्त आयुक्त, प्रमुख सचिवों, आयुक्त सचिवों, प्रशासनिक सचिवों व विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे श्रीनगर से जम्मू आने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के बारे में डाटा जुटाएं। पहचान पत्रों के साथ 10 सितंबर से पहले ये डाटा देने होंगे। हिदायत है कि सारी कार्रवाई नियमों के आधार पर हों।
मालूम हो कि शीतकालीन राजधानी जम्मू में सरकार का दरबार नवंबर से अप्रैल तक रहता है। इस दौरान सरकारी क्वार्टरों और किराये के मकानों के साथ होटलों में भी कर्मचारियों को ठहराने की व्यवस्था की जाती है।