मूसलधार बारिश से पहाड़ों में आफत, कई नदियां उफान पर
गढ़वाल मंडल में यात्रा मार्गाें पर भूस्खलन के चलते चारधाम यात्रा पर असर पड़ा है। गुजरात और राजस्थान में तेज बरसात हुई।
जेएनएन, नई दिल्ली । मानसून की मूसलधार बारिश से पहाड़ों के साथ-साथ मैदानों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रेल और सड़क यातायात पर बुरा असर पड़ा। सोमवार सुबह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के हाट गांव में बादल फट गया। इससे स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत यह रही कि उस समय स्कूल में बच्चे नहीं पहुंचे थे। कई नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।
गढ़वाल मंडल में यात्रा मार्गाें पर भूस्खलन के चलते चारधाम यात्रा पर असर पड़ा है। गुजरात और राजस्थान में तेज बरसात हुई। भूस्खलन के चलते बदरीनाथ राजमार्ग साढ़े 13 घंटे बंद रहा। इस दरम्यान 2024 यात्री विभिन्न स्थानों पर रोका गया था। यमुनोत्री व केदारनाथ राजमार्गाें पर भी यही हाल रहा। रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा मार्गाें पर बारिश ने मुश्किल बढ़ा दी। लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मनाली-काजा मार्ग भूस्खलन के कारण 36 घंटे बंद रहा। इससे स्पीति घाटी में पेट्रोल-डीजल नहीं मिला। मनाली से 70 किलोमीटर दूर डोहरीनाले के पास भूस्खलन से मार्ग बाधित हो गया।
गुजरात में भारी बारिश का कहर जारी है। दक्षिण गुजरात में तबाही मचाने के बाद अब उत्तर गुजरात के सिद्घपुर में 3 घंटे में 12 इंच बारिश होने से जनजीवन व्यस्त हो गया है। हजारो लोग बेघर हो गए हैं। पालनपुर में सारस्वती नदी में बाढ़ आने से तीन युवक बह गए। बरसात से रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ।
उधर, बिहार में कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कोसी और सीमांचल में बाढ़ की स्थिति गहराने लगी है। पश्चिम चंपारण में गंडक में उफान को देखते हुए विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। गंडक बराज से 1.20 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। कमला बलान नदी का पानी कई गांवों में घुस गया है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि के संकेत हैं। कनकई व कौल कनकई नदी का जलस्तर पांच दिन से लगातार बढ़ रहा है। महानंदा व डोक नदी में भी जलस्तर लगभग डेढ़ फीट बढ़ गया है। कटिहार में दो दिन में महानंदा के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है।