मौसम के बिगड़े मिजाज और बेमौसम बारिश के चलते चीनी के उत्पादन में कमी के आसार
चीनी के उत्पादन में कमी आने का पक्का अनुमान है। पेराई सीजन चालू होने के बाद ही असल तस्वीर सामने आएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मौसम के बिगड़े मिजाज और बेमौसम बारिश के चलते तीन प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में चीनी के उत्पादन में गिरावट का अनुमान व्यक्त किया गया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने चालू पेराई सीजन 2018-19 में कुल 3.20 करोड़ टन चीनी का उत्पादन का ताजा अनुमान लगाया है, जो पिछले सीजन के मुकाबले कम है। इस्मा के अनुमान में एथनाल के चलते चीनी उत्पादन के इस आंकड़े में और कमी आ सकती है।
चीनी उद्योग संगठन ने जारी अनुमान में बताया है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक की कुल चीनी उत्पादन का 80 फीसद की हिस्सेदारी है, जो बुरी तरह प्रभावित हुई है। माना गया है कि उत्तर प्रदेश में जहां गन्ना खेती का रकबा बढ़ा है, उससे चीनी उत्पादन में 10 से 15 लाख टन अधिक चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। लेकिन विभिन्न वजहें गिनाते हुए चीनी उत्पादन में कमी आने का ताजा अनुमान व्यक्त किया गया है। इसके मुताबिक पिछले साल के बराबर ही चीनी का उत्पादन होगा।
इस्मा का अनुमान है कि चालू सीजन में उत्तर प्रदेश में पहले के लगाये अनुमान के मुताबिक चीनी का उत्पादन 130-135 लाख टन की जगह अब संशोधित आंकड़ा 121 लाख टन रहने की संभावना है। यह आंकड़ा पिछले साल के 120.45 लाख टन के बराबर ही है।
महाराष्ट्र में सैटेलाइट से मिले अनुमान के मुताबिक गन्ने का रकबा पिछले साल के मुकाबले 25 फीसद अधिक है। इससे राज्य में चीनी का कुल उत्पादन 110-15 लाख टन हो सकता है, जो पिछले साल के लगभग बराबर ही होगा। राज्य में कुछ बीमारियों के प्रकोप के चलते गन्ने की प्रति हेक्टेयर पैदावार 108 टन के मुकाबले 90 टन रहने की संभावना बताई जा रही है।
इस्मा के ताजा अनुमान में गन्ने में चीनी की रिकवरी दर पिछले साल से कम बताया गया है। इससे राज्य में चीनी का उत्पादन 107.23 लाख टन के मुकाबले 95 लाख टन रहने की संभावना व्यक्त की गई है। उत्तरी कर्नाटक में सूखे जैसी विभीषिका पैदा हो गई थी, जिसने गन्ने की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया था। यहां गन्ने के रकबा में 12 से 13 फीसद की वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन चीनी के उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाय गया है। कर्नाटक में पहले 44.8 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान था, जो अब घटकर 42 लाख टन रह गया है।
इन सारी बातों के अलावा सरकार ने एथनाल उत्पादन पर पूरा जोर दिया है, जिससे चीनी उत्पादन के प्रभावित होने के आसार हैं। चीनी के शीरा से जहां 48.5 करोड़ लीटर एथनाल बनाया जाएगा, वहीं 1.84 करोड़ लीटर एथनाल सीधे गन्ने के रस से तैयार होगा। इसके लिए कंपनियां व चीनी मिलें पहले से ही करार कर चुकी है। अपनी इन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने से चीनी के उत्पादन में कमी आने का पक्का अनुमान है। पेराई सीजन चालू नहीं हुआ है। इसके चालू होने के बाद ही असल तस्वीर सामने आएगी।