नकली नोटों पर दोहरी चुनौती, ISI बड़े स्तर पर सक्रिय
सरकारी एजेंसियां स्वीकार कर रही हैं कि एक साथ नकली नोटों का मामला शायद ही पहले आया हो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली ।पांच सौ व 2000 रुपये के नए नोट प्रचलन में लाने के समय सरकार ने दावा किया था कि इससे नकली नोटों के कारोबारियों पर पुख्ता तरीके से लगाम लगेगी लेकिन पिछले दो महीने के अनुभव कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। पिछले एक महीने के भीतर ही दिल्ली, मुंबई, मालदा, जालंधर पटना से लेकर तेलंगाना तक में दर्जन भर नकली नोटों के मामले सामने आये हैं जिनमें अधिकांश दो हजार के नोटों से संबंधित है।
सरकारी एजेंसियां स्वीकार कर रही हैं कि एक साथ नकली नोटों का मामला शायद ही पहले आया हो। इस काम में एक तरफ पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ जहां बहुत ही जोर शोर से लगी है तो देश के भीतर भी नकली नोट के नक्काल नए सिरे से सक्रिय हो गये हैं। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता की वजह से इन गिरोहों को पकड़ा भी जा रहा है लेकिन फिर भी ये घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है।
सुरक्षा एजेंसियों के स्तर पर नकली नोटों पर लगाम लगाने के लिए सतर्कता भी जबरदस्त तरीके से बढ़ा दी गई है। राष्ट्रीय जांच ब्यूरो (एनआइए) के स्तर पर गठित विशेष टीम देश के उस हर हिस्से का दौरा कर रही है जहां नकली नोटों के मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा एनआइए, रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय व अन्य खुफिया एजेंसियों के अधिकारी अमूमन रोजाना नकली नोटों के मामले पर विचार विमर्श कर रहे हैं। इनसे जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नक्कालों के लिए दो हजार के नकली नोट तैयार करना काफी मुनाफे का धंधा है। इसमें मार्जिन काफी ज्यादा होने की वजह से आसानी से लोग रिस्क भी लेने को तैयार हो रहे हैं। एक बड़ी समस्या आम जनता व बैंक अधिकारियों के स्तर पर दो हजार के नए नोट की सुरक्षा जानकारियों का नहीं होने से पैदा हो रही है।
देश में नकली नोटों के घुसने से रोकने में जुटी एजेंसियों के सामने असल चुनौती पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की तरफ से आ रही है। आइएसआइ वर्षो से भारतीय नकली नोटों को छापने व उन्हें यहां खपाने का काम करता है। हाल ही में बांग्लादेश सीमा पर माल्टा में नकली नोटों के साथ कुछ लोग पकड़े गये हैं जिन्होंने आइएसआइ की पूरी रणनीति का खुलासा किया है। इसके अलावा भारत-नेपाल सीमा से भी आइएसआइ के फिर से सक्रिय होने के सबूत मिल चुके हैं। माना जा रहा है कि दो हजार के नए नकली नोटों में फायदे को देखते हुए आइएसआइ के लिए इस बार लोगों को तैयार करना आसान साबित हो रहा है। पाकिस्तान के करांची व पेशावर के प्रिटिंग प्रेस में छपने वाले नकली नोट को थाईलैंड के जरिए बांग्लादेश व नेपाल भेजा जा रहा है। वहां से भारत के भीतर इन्हें भेजा जा रहा है।